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दरअसल, कोविड केयर सेंटर में जैजैपुर व पामगढ़ से दो संतोष खूंटे (हमनाम) भर्ती थे। शुक्रवार देररात पामगढ़ निवासी संतोष खूंटे का निधन हो गया। निधन के बाद कागजी कार्रवाई पूरी करने वाले स्वास्थ्यकर्मी ने जैजैपुर निवासी संतोष खूंटे का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया और परिजनों को सूचना दे दी। परिजनों से कहा गया कि संतोष खूंटे की कोरोना से मौत हो गई। परिजन सूचना पाकर शनिवार की सुबह जिला अस्पताल के एक्सक्लूसिव कोविड केयर सेंटर पहुंच गए। यहां जीवित संतोष खूंटे का रिश्तेदार भी स्वास्थ्यकर्मी है।यह भी पढें: रायपुर में राहत, मगर छत्तीसगढ़ के इन जिलों में संक्रमण की रफ्तार तेज, जानें कहां मिले कितने मरीज
संतोष के रिश्तेदारों ने स्वास्थ्यकर्मी से पूछा कि क्या संतोष का निधन हो गया। तब स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि वह तो जीवित है और उसका इलाज चल रहा है। यह खबर सुनकर संतोष के परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। देखते ही देखते गैर जिम्मेदार स्वास्थ्यकर्मियों की कार्यशैली को लेकर नारेबाजी होने लगी। आखिरकार जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सहित अन्य स्टॉफ मौके पर पहुंचा और नाराज मरीज के परिजनों के सामने अपनी गलती स्वीकार की तब माहौल शांत हुआ। प्रभारी इसीटीसी डॉ. संदीप साहू ने कहा, हमनाम मरीज होने की वजह से सर्टिफिकेट बनाने वाले से चूक हुई है। सीएस के द्वारा परिजनों को समझाइश दी गई तो मामला शांत हो गया।