कोरबा थाना प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार 21 जुलाई को अकलतरा निवासी और कोचिंग संचालक सत्यजीत राहा आयुष जैन तथा लक्ष्मी नारायण शर्मा तीनों कोरबा स्थित प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट देवपहरी घूमने गए। दोपहर में घूमने के पश्चात सत्यजीत राहा देवपहरी के जलप्रपात के नीचे बहने वाले झरने में जहां चोरनई नदी बहती है वहां नहाने के लिए उतरे। उनके साथ गए आयुष जैन तथा लक्ष्मी नारायण शर्मा ने उन्हें मना किया लेकिन वे नहीं माने और नहाने के लिए उतर पड़े वह नहाने के लिए उतरे और कुछ देर बाद जब वह लौट कर नहीं आए तो उनके साथ गए आयुष जैन और लक्ष्मी नारायण शर्मा घबरा गए और उन्हें आवाज देने लगे परंतु वे वापस नहीं लौटे। बहुत देर ढूंढने के बाद उन्हें कुछ दुर्घटना की आशंका होने लगी और उन्होंने इसकी सूचना अकलतरा के कुछ लोगों को तथा लेमरु थाना प्रभारी को दी। साथ ही इस बात की खबर जांजगीर पुलिस अधीक्षक को दी गई और उनके निर्देशन में शिक्षक सत्यजीत राहा की खोज शुरू हुई।
लेमरू थाना प्रभारी मौके पर आए और गोताखोरों की मदद से शुक्रवार को उन्हें खोजना चालू कर दिया। शाम होने के बाद गोताखोर वापस आ गए। फिर शुक्रवार की रात में उन्होंने एसडीआरएफ को इस मामले की सूचना दी। एसडीआरएफ की टीम शनिवार की सुबह सत्यजीत राहा को खोजने के लिए भेजा लेकिन प्रिंसिपल सत्यजीत राहा का कुछ पता नहीं चला। उसके बाद रात हो जाने के कारण एसडीआरएफ की टीम को अपनी खोज रोकनी पड़ी। सुबह होने पर फिर से एसडीआरएफ की टीम ने अपनी खोज जारी की और शाम को लगभग छह बजे घटना स्थल से तीन चार किलोमीटर दूर उनका शव मिला। इस बात की सूचना मिलते ही अकलतरा नगर में शोक की लहर फैल गई।
एक सप्ताह पूर्व हुई थी ऐसी ही घटना अभी कुछ दिन पूर्व अकलतरा के ही पति-पत्नी और उनके दो बच्चे देवपहरी घूमने गए थे और नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से बीच नदी में फंस गए थे और उन्होंने स्पॉट पर बने पैगोडा में चढ़कर अपनी जान बचाई। आसपास के लोगों ने उन्हें देखा और लेमरू थाना प्रभारी को सूचना दी और उन्हें एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। इसके पहले चार महाविद्यालयीन छात्र इसी तरह पिकनिक मनाने गए थे और उनमें से एक की डूब कर मौत हो गई।
एसडीआरएफ , पुलिस का आग्रह न उतरें नदी में बरसात में नदियों और नहरों का जलस्तर बढ़ा होता है और यह कभी भी कम और ज्यादा होते रहता है इसलिए इस मौसम में नदियों नहरों और जल प्रपातों के पास जाना खतरनाक हो सकता है। हर वर्ष इस तरह की कई घटनाएं हो रही है। पत्रिका भी युवाओं से आग्रह करती है कि अभी नदियों नहरों पर पिकनिक जाना बंद करें और यदि जाना भी है तो गहरे पानी में न उतरें साथ ही सेल्फी लेने व रील्स बनाने खतरनाक जगहों पर न जाएं।