इस के साथ ही मशरूम यूनिट शौचालय से संचालित चूल्हा बायोगैस संयंत्र, जैविक खाद गोमूत्र आधारित, पिट पौधों की नर्सरी, देशी किस्म के विलुप्त प्रजाति की बीजों का संग्रहण तथा छत्तीसगढ़ में 36 भाजी की संरक्षित बीजों का अवलोकन किया। इस से पहले कोसमंदा में वन विभाग द्वारा तैयार की जा रही जंगल का अवलोकन करते हुए कमिश्नर टीसी महावर ने डीफओ सतोविशा समजदार के कार्यों की सराहना की।
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तीस लाख रुपए की लागत से लिंक रोड हो रही चकाचक, समस्या से लोगों को मिलेगी निजात जंगल को विकसित करने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रहे रेंजर जीपी मिश्रा को 26 जनवरी को सम्मानित किए जाने कमिश्नर ने निर्देश दिया। इसके साथ ही कमिश्नर महावर ने जंगल के विकास में जज्वल्या देव कृषक आत्मा समिति बहेराडीह तथा ग्रामीणों को मदद करने का आग्रह किया। आदर्श किसान क्लब के किसानों ने जंगल के विकास में सुरक्षा के साथ ही खाद बीज पौधा भी उपलब्ध कराने की बात कही है।नीम गांव बतौर होगी बहेराडीह की पहचान
ग्राम के भ्रमण के दौरान कमिश्नर ने कहा कि बहेराडीह के स्वागत द्वार से कोसमंदा जंगल तक सड़क के दोनों ओर नीम के पौधे रोपित कर नीम पथ के रूप में विकसित किया जाय। इस के साथ ही बहेराडीह अपने आप में नीम गांव है। वास्तव में बहेराडीह का नाम नीम गांव होना चाहिए।
प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में कृषि विज्ञान केंद्र के गोद ग्राम बहेराडीह के किसान व तीन गांव के किसान मिलकर जज्वाल्या देव कृषक आत्मा समिति का गठन किया और 15 सदस्यीय टीम केला अनुसंधान टीम द्वारा प्रदेश में एक ऐसा नवाचार कर केला के रेशे से कपड़ा तैयार कर के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जैकेट और गमछा भेट करने वाले कृषकों को कमिश्नर ने बधाई दी।
वहीं कृषि विभाग द्वारा यहां बनाई गई नाडेप वर्मी टांका के आई सैनिया फोटिदा किस्म के केचुए के अलावा कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीक वार्मीवास ट्राईकोडर्मा समाधी खाद बायोगैस संयंत्र अंजोला टैंक के अवलोकन करते हुए कृषि विभाग तथा कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कमिश्नर ने बहेराडीह को कृषक पाठशाला के रूप में विकसित करने की बात कही।