दरअसल बाबू की दिमागी हालत ठीक नहीं थी और वह दो माह पहले अपने घर से निकल गया था। १० जून को अमृतसर के अजनाला के बीएसएफ के जवानों ने उसे सरहद की ओर जाते देख लिया था और उसे अपने कब्जे में ले लिया था। अजनाला पुलिस ने जांजगीर पुलिस को सूचना दी थी। कोतवाली पुलिस उसे लेकर आ गई है।
क्लर्क गोवर्धन प्रसाद जगत का कहना है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं होने से कोरबा अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में बैठ गया था और सीधे अमृतसर में ट्रेन रुकी तो वहीं उतर गया। इसके बाद वह शहर में इधर उधर घूमता फिरता था। फिर एक सरदार ने उसे अपने पास रख लिया। उसके पास कुछ काम करने के एवज में भोजन मिलता था। १० जून को वह घूमते घूमते सरहद ही ओर चला गया।
इसके बाद उसे बीएसफ के जवानों ने रोक लिया। अपने थाने में बिठाकर सोशल मीडिया में उसकी तस्वीर वायरल की दी। सोशल मीडिया के माध्यम से एक दैनिक अखबार ने इस आशय की खबर बनाई। खबर के माध्यम से एक जानकारी कोतवाली पुलिस जांजगीर को लगी।
यह था पूरा मामला
पुरानी बस्ती जांजगीर का रहने वाला हाईस्कूल नंबर का क्लर्क भगत चौक जांजगीर निवासी गोवर्धन प्रसाद जगत पिता स्व. कुशल प्रसाद की दिमागी हालत ठीक नहीं थी। वह १४ मार्च २०१८ को अपने घर से निकल गया। परिजनों ने बताया कि वह स्कूल जाने के लिए निकला था। इसके बाद वह घर नहीं पहुंचा।
Read more : #कौशल विकास योजना की आड़ में अधिकारी कर रहे अपना विकास परिजनों ने २० मार्च को इस आशय की सूचना पुलिस को दी थी। कोतवाली पुलिस ने मामले में गुमशुदगी दर्ज कर जांच कर रही थी। हाल ही में कोतवाली पुलिस को सूचना मिली कि गोवर्धन अमृतसर के सरहद पार में पहुंच गया है और सीमा की ओर जा रहा है। सरहद के पास लोपोके थाने के बीएसएफ की टीम ने उसे पकड़ लिया था। बीएसएफ के जवान उसे संदिग्ध मानकर हिरासत में लिया था। उसकी तलाशी ली गई,
लेकिन उसके पास कुछ संदिग्घ वस्तुएं नहीं मिली। पूछताछ के दौरान बाबू अपने आप को छत्तीसगढ़ का जांजगीर का रहने वाला बताया था। इस आधार पर लोपोके थाने के बीएसएफ के जवानों ने मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी। कोतवाली पुलिस लोपेको थाने से गोवर्धन प्रसाद जगत को लेकर जांजगीर आ गई और उसे परिजनों को सौंप दिया है।