यहां बड़ी संख्या में लोटा लेकर खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर गांव के प्राय: हर गलियों में घरों और नालियों का गंदा पानी बह रहा है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। इसे पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही कहें या कमजोरी कि गांव के सभी घरों में शौचालय होने के बाद भी लोग लोटा लेकर खुले में शौच के लिए जा रहे हैं।
Video- आखिर किसकी लगी नजर कि बीडीएम गार्डन को दुल्हन की तरह सजाने की योजना हुई फेल, पढि़ए खबर… जिला मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पंचायत खरोरा की आबादी करीब 2200 है। यहां वार्डों की संख्या 15 है। सभी वार्ड की गलियों में घर और नाली का गंदा पानी बह रहा है। इसी गंदे पानी के उपर चलकर स्कूली बच्चे और ग्रामीण रोज आते-जाते हैं। यहां के हर गली में चलने वाले लोगों को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। गलियों की बदतर स्थिति पंचायत की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रही है।
गांव की गलियों में गंदा पानी निकासी के लिए नाली भी नहीं बनाया गया है, जिससे आवागमन करने वाले व वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में एक बच्चे के गिरने से हाथ में फ्रेक्चर हो गया था। गलियों में पानी के ठहराव से मच्छर पनप रहे हैं। मोहल्लेवासी कई बार अपनी समस्याओं को सरपंच को बोल चुके है, लेकिन सरपंच को कोई सरोकार नहीं है। जिससे सरकार की स्वच्छ भारत अभियान को बड़ा झटका लग रहा है। साथ ही लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतें हो रही है।
जनप्रतिनिधियों की सक्रियता पर सवाल
गांव के जागरुक लोगों ने दबे जुबान कहा कि पंचायत प्रतिनिधि सक्रिय नहीं है। यदि खुले में शौच करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए तो खुले में शौच की आदत बंद हो सकती है। अन्य गांव और पंचायतें जिस तरह जुर्माना लगाकर और सख्त नियम बनाकर गांव को स्वच्छ रखने कड़ाई से पालन कराया जा रहा हैए उसी तरह यहां भी नियम बनाने की जरुरत है। स्वच्छता से अनेक बीमारियों से निजात मिलेगी।