बारिश के दिनों में उसकी पूछपरख हर रोज होती है। वह एक दिन में चार से पांच जहरीले सर्पों का रेस्क्यू करते हैं। दिन हो आधी रात उसे जब भी सांप निकलने की जानकारी मिलती है, वह (Snakeman of Chhattisgarh) नि:स्वार्थ खुद के साधन से मौके पर आते हैं और सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ देते हैं।
CG Snake Man: सांप को न मारते और मारने देते
नारायणदास मानिकपुरी किसी भी जहरीले सर्प को पकडऩे के बाद घर वालों के सुपुर्द नहीं करते। वह खुद सांप को पकड़कर अपने पास रखता है और उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ देते हैं। उनका मानना है कि ग्रामीण अंचलों में अक्सर देखने को मिलता है कि यदि जहरीला सर्प मिले तो (Chhattisgarh Snakeman) उसे घर वाले मारकर जला देते हैं, जो गलत है। इसलिए वह आज तक एक भी सर्प को मारने नहीं देता।Snake Man: बचपन से ही सांप पकड़ने का शौक
नारायण दास अब तक पांच हजार से अधिक जहरीले सर्पों का रेस्क्यू कर चुका है। उनके बचपन के मित्र प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि वह बचपन से जहरीले सांप बिच्छुओं को पकडऩे का आदी हो चुका है। वह जब प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था तभी से वह सांपों को पकड़ लेता था। Story By – संजय राठौर
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