जांजगीर चंपा

CG News: शिकारी समाज को नहीं मिला आदिवासी का दर्जा, घेरा कलेक्टोरेट

CG News: जांजगीर-चांपा जिले में रहने वाले शिकारी समाज को आज तक आदिवासी समाज का दर्जा नहीं मिलने पर बड़ी संख्या में शिकारी समाज के लोग कलेक्टोरेट का घेराव कर आदिवासी समाज में शामिल करने की मांग कर रहे है।

जांजगीर चंपाSep 12, 2024 / 03:55 pm

Shradha Jaiswal

CG News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में रहने वाले शिकारी समाज को आज तक आदिवासी समाज का दर्जा नहीं मिल पाया है। इसका दंश अभी तक समाज के युवा वर्ग को झेलना पड़ रहा है। वर्तमान में शिक्षा व नौकरी के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मांग को लेकर बड़ी संख्या में शिकारी समाज के लोग कलेक्टोरेट का घेराव कर दिए। साथ ही पामगढ़ विधायक के नेतृत्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया व आदिवासी समाज में शामिल करने की मांग की गई।
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CG News: करीब 300 से अधिक परिवार करते हैं निवास

ज्ञात हो कि जिले में शिवरीनारायण व पामगढ़ ब्लॉक के गांव धनगांव में करीब 300 परिवार के शिकारी समाज के लोग निवासरत हैं। समाज के बुजुर्ग का कहना है कि पहले बिलासपुर जिले के अंतर्गत शिकारी समाज को आदिवासी समाज में आता था। लेकिन जब जांजगीर-चांपा जिला बना है, तब से अब तक हम लोग किसी समाज के अंतर्गत नहीं रखा गया है। वर्तमान में हम शिकारी समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र के अभाव में उनके बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं युवाओं को रोजगार के लिए मिलने वाले आरक्षण के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। कलेक्टोरेट पहुंचे समाज के लोगों का कहना है कि जिले में करीब 300 से अधिक परिवार निवास करते हैं।
जांजगीर-चांपा जिला बनने के बाद किसी भी सदस्य के जाति प्रमाण पत्र नहीं बने, जबकि समाज के लोग शिवरीनारायण व पामगढ़ के धनगांव में सालों से निवास करते आ रहे हैं। जबकि बिलासपुर सहित अन्य जिले में अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। साथ में पहुंचे पामगढ़ विधायक शेषराज हरवंश ने कहा कि जिले में बंजारा, शिकारी, कोरवा, कोड़ाकू माझी मंझवार समाज के लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनने में आ रही तकनीकी दिक्कत के चलते इन परिवारों के बच्चों को शिक्षा व नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।

किसी का ओबीसी तो किसी का अनुसूचित जाति का बना राशन कार्ड

शिकारी समाज के लोग बड़ी संया में अपनी समस्या को लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे थे। साथ ही बड़ी संया में अलग-अलग अपने ही समाज के बने राशन कार्ड को लेकर पहुंचे थे। इसमें किसी का ओबीसी तो किसी अनुसूचित जाति व किसी का अनुसूचित जनजाति का राशन कार्ड बना है। कलेक्टोरेट पहुंचे पिंटू शिकारी ने बताया कि बिलासपुर जिले में हम लोग आदिवासी समाज में ही थे, लेकिन जांजगीर-चांपा जिला बनने के बाद अब किसी समाज में नहीं है। जांजगीर-चांपा जिले में सालों से निवास कर रहे हैं।

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