यह भी पढ़ें : CG Crime News: नाबालिग से अनाचार के आरोपी को 10 साल की सजा पानी बंद होते ही मछुआरे मछली पकड़ने सक्रिय हो गए हैं। जहां-जहां नहर में कहीं छेद है वहां वहां मछली होने की आशंका में मछुआरे नहर की दीवार से छेड़छाड़ कर रहे हैं। मछली मिले या न मिले पर नहरों को जरूर छतिग्रस्त किया जा रहा है। हालांकि मछुआरों को नहर में बड़ी तादात में मछली मिल भी रहा है। जिसके चलते वे ऐसी हरकत कर रहे हैं। कहीं-कहीं नहर में जाल लगाकर मछली पकड़ रहे हैं। लेकिन सबसे अधिक जर्जर नहरों में मछली अधिक मिल रही है। जिसे देखते हुए छेड़छाड़ की जा रही है। आपको बता दें कि तीन माह पहले कोरबा जिले के पहाड़गांव में कुछ इसी तरह की हरकतों की वजह से नहर पूरी तरह से टूटकर क्षतिग्रस्त हो चुकी थी।
इससे नहर का पानी खेतों में भर गया। नहर की मरम्मत करने में सिंचाई विभाग को पूरी तरह से एक माह का समय लग गया। इससे सबसे बड़ा नुकसान किसानों को उठाना पड़ा। क्योंकि हजारों एकड़ में लगी धान की फसल तबाह हो गई थी। वहीं तीन जिले के किसानों को नहर से पानी की सुविधा का लाभ नहीं मिल सका। इससे हजारों एकड़ में लगी धान की फसल सूखे की चपेट में आ गई।
यह भी पढ़ें : CG Election 2023: छत्तीसगढ़ मे 9 बजे तक 9.93 फीसदी हुआ मतदान सिंचाई विभाग को मरम्मत के नाम पर करना पड़ता है करोड़ों खर्च गौरतलब है कि प्रदेश में नहर मरम्मत के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है। सालाना करोड़ाें रुपए का बजट आता है। हालांकि मरम्मत के नाम पर केवल नहरों की लीपापोती की जाती है। शेष रकम अधिकारियों की जेब में जाती है। वहीं करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद पहली बारिश में पानी की सप्लाई के बाद नहर जस की तस हो जाती है। इससे नहर की मजबूती पर सवाल उठने लगता है।
यह भी पढ़ें : CG Election 2023: दिव्यांग 4 हजार 937, बुजुर्ग मतदाता 7381 फिर भी 137 को घर बैठे मतदान सुविधा कहीं-कहीं कर रहे ब्लास्टिंग भी कहीं-कहीं मछुआरे मछली के लिए नहर में ब्लास्टिंग भी कर रहे हैं। ताकि उन्हें मछली मिल सके। जहां जहां की नहर में भरपूर पानी जमा है वहां लोग नहर से छेड़छाड़ करते हुए मछली पकड़ रहे हैं। एक दशक पहले तो मछुआरों ने हसदेव नदी के पीथमपुर एनीकट में ही ब्लास्टिंग कर एनीकट को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके बाद जब बारिश की सीजन आई तो एनीकट पूरी तरह से भर-भराकर नदी में बह गया। इससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ गया। हालांकि इसकी जांच हुई और सिंचाई विभाग के कई अफसर इसी चक्कर में नप भी गए।
नहर में किसी तरह की छेड़छाड़ करना गुनाह है। इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। कहीं भी इस तरह की गड़बड़ी सामने आएगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – एएल कुर्रे, ईई, सिंचाई विभाग