ज्ञात हो कि कलेक्टोरेट में हर सोमवार को जनदर्शन लगाई जाती है। ताकी जिलेवासियों की समस्या का निदान तत्काल कलेक्टर कर सके। इसमें छोटी-मोटी समस्या का तत्काल समाधान संबंधित अधिकारियों को बोलकर कलेक्टर द्वारा कराया जाता है। लेकिन वर्तमान में जनदर्शन केवल दिखावा साबित हो रहा है। यहां जिलेवासियों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। बल्कि जनदर्शन में आने के बाद समस्या उल्टा बढ़ जा रहा है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। बलौदा विकासखंड के दर्जन भर ग्रामीण अलग-अलग चार सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से जनपद पंचायत बलौदा में सीईओ से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन यहां उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा था। इसलिए परेशान होकर ग्रामीण मुकेश लहरे सहित अन्य ग्रामीण कलेक्टोरेट जनदर्शन पहुंचे। जहां अपनी समस्याओं के संबंध में कलेक्टर से गुहार लगाई। लेकिन यहां भी केवल उनको आश्वासन ही मिला।
इस पर 20 जून को ग्रामीण कचहरी चौक में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। लेकिन इसके बाद तत्काल जिला प्रशासन की टीम पहुंची। साथ ही उनको मांगों का आश्वासन देकर भूख हड़ताल समाप्त कराया गया। लेकिन इसके बाद भी अब तक समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। मुकेश लहरे ने बताया कि फिर से भूख हड़ताल की चेतावनी दी गई। दो सप्ताह बाद भी समस्या का निराकरण नहीं होने पर भूख हड़ताल में बैठने के लिए बाध्य हो गए हैं। जनपद पंचायत बलौदा के अधिकारी भूख हड़ताल में बैठने के बाध्य कर रहे हैं। अपर कलेक्टर द्वारा जनपद सीईओ को आदेशित किया जा चुका है, इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इस बार जब तक मांगें पूर्ण नहीं हो जाती है, तब तक हड़ताल में बैठे रहेंगे।
CG Hunger Strike: चार सूत्रीय मांगों में ये हैं शामिल
भूख हड़ताल में तीन परिवार अलग-अलग चार सूत्रीय मांगों को लेकर बैठे है। इसमें अंगारखार में तीन जगह पर हैंडपंप की समस्या है। प्रधानमंत्री आवास पूर्ण होने के बाद भी पंचकुंवर लोहार को मजदूरी राशि नहीं मिली। रामेश्वर द्वारा मशरूम शेड निर्माण कार्य का जियो टैग, मजदूरी राशि, मिस्त्री की राशि मटेरियल का भुगतान नहीं। जीवन लाल खैरवार के परिवार को अपने घर से बाहर निकलने के लिए जमीन रास्ता नहीं मिलने से पलायन के लिए मजबूर हैं। बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
Hunger Strike 2024: हड़तालियों को मनाने पूरे दिन जुटा रहा अमला
कचहरी चौक में भूख हड़ताल में बैठने की जानकारी मिलते ही पुलिस व जिला प्रशासन की टीम समझाइश देने पहुंचे। थाना प्रभारी प्रवीण द्विवेदी काफी समझाने का प्रयास करने लगे। साथ ही तहसीलदार भी समझाइश दी लेकिन वे लोग मानने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना है लिखित में आश्वासन मिलनी चाहिए।