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दीपावली अब एक दिन दूर है, पर अब तक जांच हुई न नमूने लिए गए। ऐसे में होटल, रेस्टोरेंट, किराना दुकान सहित अन्य में धड़ल्ले से मिलावट का खेल जारी है। कुल मिलाकर जांजगीर व सक्ती जिला मुख्यालय में इस बार त्योहारी सीजन में मिलावट को फ्री हैंड दे दिया गया है, चाहे कितना मिलावट कर लो जांच नमूने नहीं लिए जाएंगे।
नवरात्रि के बाद से ही त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। दीपावली पर्व आने में एक दिन शेष रह गए हैं। त्योहार के चलते बाजार में मिठाई विक्रेता मावे का स्टॉक कर मिठाइयां धड़ल्ले से बना रहे हैं। दिवाली में बहुत ज्यादा मात्रा में मिठाई सहित अन्य सामान बनाने के लिए मिलावट का खेल जोरों पर रहता है। इसी बीच खाद्य सुरक्षा अधिकारी के निरीक्षण व नमूने लेने के डर से मिलावट कुछ हद तक कम होता है। लेकिन खाद्य एवं औषधि विभाग के जिम्मेदार इस बार नवरात्रि से लेकर अब तक सेंपल लेने या होटलों का निरीक्षण करने नहीं निकले हैं। निरीक्षण करने निकलेंगे भी कहां से। ज्ञात हो कि सक्ती व जांजगीर-चांपा जिले में मात्र दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी है।
इनमें खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपर्णा आर्या को अकलतरा, बलौदा सहित अन्य क्षेत्र का जिम्मा दिया गया है। वे तो अपने क्षेत्र में जाकर जांच व निरीक्षण लेने की कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन जांजगीर जिला मुख्यालय व सक्ती जिला मुख्यालय सहित अन्य शहर में जांच की जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी सागर दत्ता को सौंपी गई है पर वे लंबे समय से छुट्टी में चल रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि छुट्टी में जाने के बाद भी त्योहारी सीजन में भी किसी भी को प्रभार नहीं दिया गया है। इससेउनके क्षेत्र का जांच नमूने लेने की कार्रवाई इस बार नहीं हो पाया। समय पर जांच नहीं होने से लोग मिलावटी मिठाई खाने मजबूर हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग अगर समय पर कार्रवाई करता है तो मिलावटी मिठाई खाने से लोग बच सकते हैं।
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..तो फिर तो कराना पड़ेगा इलाज इस बार मिलावटी मिठाई खाने का नुकसान उठाना तय है। इससे आपका हाजमा खराब हो सकता है। मिलावटी सामान डाइजेस्ट व सिस्टम को जबरदस्त नुकसान पहुंचाते हैं। इससे डायरिया, उल्टी, दस्त जैसी तकलीफ होना आम बात है। मिठाइयों में मिलाएं जाने वाले केमिकल से आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। कई हार्मफुल केमिकल का असर स्किन पर भी पड़ता है। अखाद्य रंग से खाद्य पदार्थ भी धड़ल्ले से बनाए जा रहे हैं। इससे कैंसर जैसे गंभीर बीमारी होने का भी खतरा है। यह भी पढ़ें
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प्राधिकृत अधिकारी को कोई मतलब नहीं खाद्य एवं औषधि विभाग के प्राधिकृत अधिकारी जांजगीर एसडीएम ज्ञानेन्द्र सिंह बनाए गए हैं। शहर में मिलावट रोकने जांच हो रही है या नहीं, इसे रोकने खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश किया जाए। इसको लेकर उन्हें कोई मतलब नहीं है। अभी शहर में दिवाली जैसे बड़े त्योहार के पहले खाद्य पदार्थों की जांच व नमूने लेने एसडीएम चाहते तो दूसरे खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दे सकते थे। लेकिन उनको अपनी ड्यूटी से कोई मतलब ही नहीं है बड़ी बात यह है कि वे दो दिन से ऑफिस में नहीं मिल रहे हैं और फोन भी नहीं उठा रहे हैं। यह भी पढ़ें
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रक्षाबंधन में लिए सैंपलों की अब तक नहीं आई रिपोर्ट जिले से त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थो की सैंपल लेकर जांच के लिए रायपुर स्थित लैब भेजा जाता है। जहां अन्य जिलों की सैंपल भी पहुंचती है। इसलिए रिपोर्ट 4 से 5 माह बाद भी नहीं आ पा रहा है। अब तक रक्षाबंधन समय की सैंपल रिपोर्ट नहीं आ पाई है। ऐसे में आम लोग मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने मजबूर हैं। अगर समय में सैंपल की रिपोर्ट मिल जाती तो कार्रवाई होने से दूसरे दुकानदार इन सबसे सबक लेते। लेकिन एकमात्र रायपुर में ही लैब होने से सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आ पा रही है।
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खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अपर्णा आर्या ने कहा –मेरे क्षेत्र में लगातार निरीक्षण व नमूने लेने की कार्रवाई की जा रही है। बाकी जगहों का प्रभार नहीं मिला है, इसलिए जांजगीर शहर सहित सक्ती जिले में जांच व सैंपलिंग नहीं की जा सकी है।