यह भी पढ़ें: CG Diwali 2023: इस तारीख से दीप पर्व की होगी शुरुआत, अभी से जगमगा रहे शहर और मार्केट अमावस्या तिथि दो दिन यानी रविवार और सोमवार दोनाें दिन है। रविवार को रात्रिकालीन अमावस्या तिथि पर दीपावली की पूजा-अर्चना की जाएगी। गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को की जाएगी। 15 नवंबर को भाई दूज के साथ दीपावली पर्व का समापन होगा।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पूजा के साथ पांच दिन का दिपावली पर्व आरंभ हो जाएगा। त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को दोपहर साढे़ 12 बजे से शुरू होकर 11 नवंबर को दोपहर 1.57 बजे तक रहेगी। धनतरेस प्रदोष काल में होती है। धनवंतरी माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के लिए दोपहर का मुहूर्त अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है। इस दिन शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में होंगे। धनतेरस पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। हस्त नक्षत्र भी रहेगा, जो कारोबारियों को अपार धनलाभ करवाने वाला योग है। हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं।
इस नक्षत्र में की खरीदी अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यो ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर साढे़ 12 बजे कलश स्थापना के साथ धनवंतरी माता की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त है। इस दिन बर्तन, सोना, चांदी, वाहन प्रापर्टी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा सहित कोई भी वस्तु खरीदी करना शुभ और समृद्धि आती है। पूजा के बाद गिलोय का एक चम्मच रस पीने से स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। इससे आयु वृद्धि होती है।
यह भी पढ़ें: शराब व चखना के लिए पैसे नहीं दिए तो पत्नी के सामने पति को मारा चाकू, गिरफ्तार ये है शुभ मुहूर्त… धनतेरस का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को दोपहर साढे़ बजे से शुरू होगी। शनिवार को दिन में 1.57 तक प्रभावी रहेगा। पर्व को लेकर कारोबारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगे फूल, मालाओं के साथ झालर लाइटों से साज-सज्जा की जा रही है। यह ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सराफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्र सहित अन्य बाजार गुलजार होने लगा है।
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ये है छह दिवसीय दीपावली पर्व तिथि पर्व 10 नवंबर धनतेरस 11 नवंबर नरक चतुर्दशी
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12 नवंबर दीपावली पर्व 13 नवंबर सोमवती अमावस्या 14 नवंबर गोवर्धन पूजा व अन्नकूट 15 नवंबर भाईदूज व चित्रगुप्त पूजन