पहली घटना जांजगीर-चांपा जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत किकिरदा गांव में हुआ। यहां का निवासी रामचंद्र जायसवाल 60 वर्ष शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े 7 बजे अपने कुएं में गिरा लकड़ी का पट्टा निकालने उतरा था। काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो पत्नी ने शोर मचाया।
आवाज सुनकर पड़ोसी रमेश पटेल 50 वर्ष कुएं में उतर गया, लेकिन वह भी बाहर नहीं निकला। यह देख रमेश के दो पुत्र जितेंद्र पटेल 25 वर्ष व राजेंद्र पटेल 20 वर्ष भी पिता को बचाने कुएं में उतरे, लेकिन उनकी भी मौत हो गई। अंत में पड़ोस का ही टिकेश्वर चंद्रा 25 वर्ष भी कुएं में उतरा, लेकिन वह भी बाहर नहीं निकल सका।
कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से सभी की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एसडीआरएफ टीम की मदद से पांचों का शव बाहर निकाला। इस घटना पर सीएम विष्णुदेव साय ने शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा की है।
कोरबा में भी कुएं में उतरे 4 लोगों की मौत
जांजगीर-चांपा हादसे के बाद कोरबा जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत जुराली के डिपरापारा गांव में भी कुएं में उतरे पिता-पुत्री समेत 4 लोगों की मौत हो गई। दरअसल यहां का निवासी शिवचरण पटेल शुक्रवार की सुबह कुएं में गिर गया था। यह देख उसकी पुत्री सपीना पटेल पिता को बचाने कुएं में उतरी, लेकिन वह भी बाहर नहीं निकली। दोनों जब काफी देर तक बाहर नहीं आए तो पड़ोस में ही रहने वाले मनबोध पटेल व जरूर पटेल भी उन्हें बचाने कुएं में उतर गए। लेकिन उनकी भी मौत हो गई।