इस बार दसवीं, बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा फरवरी-मार्च माह से प्रारंभ होंगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने आधिकारिक रूप से ऐलान कर दिया है। मगर टाइम टेबल के अनुसार अब तक कोर्स पूरा नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि अभी 50 प्रतिशत कोर्स की पढ़ाई हुई है और दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षाएं भी बोर्ड पैटर्न पर होंगी। जबकि हर वर्ष दिसंबर माह के अंत तक कोर्स पूरा करा लिया जाता है। फिर जनवरी, फरवरी माह में पूरे कोर्स का रिवीजन होता है। जिससे छात्रों को कठिन विषय-वस्तु समझने और हल करने में आसानी होती है। लेकिन उन्हें यह समय काफी कम मिलेगा।
यह भी पढ़ें
नक्सलियों ने खेला खुनी खेल.. मुखबिरी के शक में युवक को उतारा मौत के घाट, जनअदालत में दी सजा
इस बार विधानसभा चुनाव के चलते कोर्स पिछड़ गया। इसका कारण ज्यादातर शिक्षकों की मतदान कार्य में ड्यूटी लगी रही। ऐसे में पिछले एक माह से कक्षाएं निरंतर नहीं लग सकी। खास बात यह है कि गणित, विज्ञान, फिजिक्स और कैमिस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण विषयों के अधिकतर शिक्षकों ने विधानसभा चुनाव में मास्टर ट्रेनर का कार्य किया। ऐसे में उन्हें पढ़ाने का समय ही नहीं मिल पाया। पूरे जिले के शासकीय हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों की यही स्थिति बताई जा रही। नवागढ़ विकासखंड के हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया था, पूरे जिले से यह संख्या ज्यादा होगी। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अनुसार जिले के सरकारी स्कूलों के 1800 शिक्षकों की चुनाव कार्य में ड्यूटी लगाई थी। अगस्त-सितंबर माह से मतदान कर्मचारियों की ट्रेनिंग सहित बैठक शुरू हो गई थी। फिर स्वीप प्लान के आयोजन भी होते रहे। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई। 23 को पांचवीं का हिंदी तो आठवीं का गणित पेपर प्रायमरी मिडिल की 23 से तो हाई, हायर की दिसंबर माह में होगी। अर्धवार्षिक परीक्षा प्रायमरी व मीडिल स्कूल का जारी हो गया। 23 को पांचवीं की हिंदी तो आठवीं की गणित पेपर है। यह अर्धवार्षिक परीक्षा 30 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद फिर से हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी की भी परीक्षा शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी टाइम टेबल नहीं आया है। ऐसे में शिक्षकों को कोर्स जल्दी पूरा कराना चुनौती भरा रहेगा।
प्राइवेट कोचिंग के सहारे बच्चे वैसे तो कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम की यही स्थिति है। लेकिन बोर्ड कक्षा दसवीं और बारहवीं के छात्रों को ज्यादा चिंता लग रही है कि उनका कोर्स कब पूरा होगा। क्योंकि कोर्स पूरा होने के बाद कठिन विषय वस्तु को समझने और हल करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाएगा। ऐसे में छात्र-छात्राएं सिर्फ प्राइवेट कोचिंग के सहारे ही पढ़ाई कर रहे हैं। कोर्स समय पर पूर्ण नहीं होने से छात्र-छात्राओं की नीट और जेईई परीक्षा की तैयारी पर भी असर पड़ेगा।
विधानसभा चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी स्कूलों में पढ़ाई तो कुछ प्रभावित हुई है। लेकिन कोर्स को पूरा कराने के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। वहीं बोर्ड कक्षा के छात्रों को विशेष रूप से तैयारी कराई जाएगी। – भारती वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी