एनएच 49 ओवरब्रिज के करीब एक गोडाउन में सीमेंट का काला कारोबार हो रहा है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में हो रहे बड़े निर्माण कार्य में
सीमेंट की सप्लाई कैप्सूल वाहन में होती है। कैप्सूल वाहन का चालक सीमेंट अनलोड करते वक्त बड़ी तादात में सीमेंट को वाहन में भी रोक रखता है। फिर इसी सीमेंट को अपने करीबी को बेच देता है। फिर इसी सीमेंट को बाजार में खपाया जाता है।
Bilaspur News: गोरखधंधे के फायदे से कारोबार पूरी तरह से बंद
अर्जुनी गांव के मुख्य मार्ग पर एक ढाबा संचालक द्वारा अपने ढाबा के कारोबार को बंद करके बल्कर वाहन अवैध सीमेंट का कारोबार किया जा रहा है। सीमेंट बेचने वालों के द्वारा बल्कर (कैप्सूल) वाहन के चालकों द्वारा उसके ढाबे में उद्योग में उपयोग में आने वाले (नान ट्रेड) सीमेंट को औने-पौने दाम में बेचा जा रहा है और ढाबा मालिक सीमेंट को बांगर सीमेंट एवं अन्य सीमेंट कंपनियों की बोरियों में भरकर बाजार से सस्ते दामों में बेचा जा रहा है। इस कारोबार को ढाबा संचालक द्वारा अपने ढाबे के कारोबार को करते-करते चालू किया गया था। लेकिन इस अवैध सीमेंट के गोरखधंधे का फायदा देखकर ढाबा का कारोबार पूरी तरह से बंद कर इस स्थान पर अब सिर्फ सीमेंट बेचने का कार्य किया जा रहा है। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि इस अवैध कार्य में क्षेत्र की पुलिस को महीना का किश्त बंधा हुआ है, जिसे लेकर अकलतरा पुलिस के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
एसडीएम, विक्रांत अंचल: मामले की जानकारी आपसे मिली है। अगर ऐसा कर रहा है तो गलत है। अधिकारियों को जांच के लिए भेजा जाएगा। सही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
एएसपी जांजगीर, उमेश कश्यप: जिले में आए ज्यादा दिन नहीं हुआ है, आपसे इस तरह की जानकारी मिली है। जल्द ही छापेमार कार्रवाई की जाएगी।
CG News: क्या होता है ट्रेड और नान ट्रेड सीमेंट?
प्लांट द्वारा दो प्रकार के सीमेंट बेचे जाते हैं, इसमें ट्रेड सीमेंट वो होता है जो बाजार में आम आदमी घर बनाने के लिए दुकान से खरीदता है और नान ट्रेड सीमेंट वो होता है जो बड़े बड़े प्रोजेक्ट में बड़े मात्रा में सीमेंट का उपयोग होता है। इसे सीमेंट प्लेट द्वारा सीधे ठेकेदार या कंपनी को कम दर पर मुहैया कराती है। जानकारों की मानें तो ओवरब्रिज के आगे एनएच से लगे ढाबे में जो सीमेंट बिक रहा है, वह नान ट्रेड सीमेंट है। जो की बड़े प्रोजेक्ट के लिए सीमेंट कंपनी से दिया जाता है। सामान्य व्यक्ति को यह सीमेंट उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
खाली कर रहे कैप्सूल वाहन के चालक ने पत्रिका को बताया
लगातार शिकायत के बाद पत्रिका की टीम मौके पर पहुंची। अर्जुनी गांव के पास एनएच 49 से लगे मैदान में सीमेंट खाली कर रहे चालक अजय खूंटे ने बताया की यह सीमेंट जिस जगह बड़े कांक्रीट का काम चलता है, उस जगह भेजा जाता है, बाजार में बिकने वाले सीमेंट से इसकी मजबूती ज़्यादा होती है। उसने बताया कि पास में कहीं रेलवे का काम काम चल रहा है, वहीं से बल्कर का सारा सीमेंट खाली नहीं करते हैं। क्योंकि बल्कर गोलनुमा टंकी जैसा होता है, इसलिए उसके अंदर माल की कोई जांच नहीं कर पाता, जिसका फायदा उठाकर यहां कैप्सूल वाले 180 प्रति बोरी की दर से सीमेंट बेचते हैं। जीएसटी की भी हो रही चोरी
Bilaspur News: इस सीमेंट के अवैध कारोबार से जीएसटी की चोरी भी की जा रही है। बाजार में बिकने वाले सीमेंट पर शासन को जीएसटी का फायदा होता है। इस कारोबार पर बिना किसी
जीएसटी बिल के सीमेंट बेचा जा रहा है। जिस पर अब तक जीएसटी विभाग का नजर नहीं पड़ी है। जीएसटी विभाग के अधिकारी ऐसे तो क्षेत्र में लोगों गिद्ध की तरह घूम-घूमकर जीएसटी नंबर नहीं लेने वाले को नियम बताकर डरा का वसूली करके चले जाते हैं। एनएच के मुय मार्ग पर इतने बड़े गोरखधंधे पर जीएसटी के अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पड़ रही है।