दो साल बाद उल्लास से पूरे नौ दिन तक होगी मां जगदम्बा की आराधना
शक्ति की उपासना का महापर्व चैत्र नवरात्रि २ अप्रैल से शुरू होगी। इसी के साथ हिंदी नववर्ष का भी आगाज होगा। पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण संक्रमण के कारण देवी मंदिरों में नवरात्र पर्व सादगी से मनाया गया था। श्रद्धालुओं के ज्योति कलश भी प्रज्जवलित नहीं कराए गए थे। इस वर्ष कोरोना संक्रमण शून्य हो चुका है और किसी भी प्रकार की बंदिशें नहीं है। इसलिए देवी मंदिरों में नवरात्र धुमधाम से मनाया जाएगा। ज्योति कलश जगमगाएंगे साथ ही कई धार्मिक आयोजन भी होंगे। इस साल कोई भी तिथि क्षय नहीं होने के कारण पूरे न
चैत्र नवरात्रि शनिवार से प्रारंभ होगा, इसके साथ ही देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश जगमगाएंगे। इस बार पूरे नौ दिनों तक अंचलवासी शक्ति की भक्ति में डूबे रहेंगे। अंचल के प्रसिद्घ मां मनकादाई मंदिर खोखरा, मां चंद्रहासिनी देवी चंद्रपुर, अन्नधरी देवी पहरिया पाठ, मां महामाया मंदिर हरदी, अष्टभुजी अड़भार, मां मनका दाई मदनपुरगढ़ व नगर स्थित देवीदाई मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश जगमगाने लगेंगे और भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इसके लिए सभी मंदिरों में आवश्यक तैयारियां पूर्ण हो गई है। देवी मंदिरों में घट स्थापना २ अप्रैल को तथा हवन एवं महानवमीं 1३ अप्रैल को होगा। मंदिरों में शुक्रवार को दिनभर तैयारी चलती रही। दीपों में बत्ती लगाने के बाद तेल डालकर तैयार कर लिया गया है। खोखरा में छह से सात कमरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाएंगे। मंदिर एवं ज्योति कलश कक्षों को आकर्षक ढंग से सजाने का काम अंतिम चरण में है। अब पूरे नौ दिनों तक देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहेगी। खोखरा की मनका दाई आसपास के ग्रामीणों के लिए आस्था का केन्द्र बनी हुई हैं। यहां मंदिर परिसर में नौ दिन तक मेला भी लगेगा। इसी तरह मां चंद्रहासिनी के दरबार में भी नवरात्रारंभ होते ही आस्था के दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे और भक्तों की कतार लगेगी। महामाया मंदिर हरदी में भक्त दूर-दूर से यहां ज्योति जलवाने पहुंचते हैं। घट स्थापना होते ही मां महामाया के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगेगा। यह मंदिर संतान प्राप्ति के लिए प्रसिद्घ है। मान्यता है कि संतान प्राप्ति के लिए जवारा कलश जलाने से अवश्य ही माता उसकी मन्नते पूरी करती है।
घट स्थापना मुहूर्त
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार ६ अप्रैल से नव संवत्सर के साथ नवरात्र प्रारंभ होगा, जो 1३ अप्रैल तक चलेगा। पंडितों की मानें तो ६ अप्रैल को घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में होगी। इस वर्ष ४८ मिनट का ही वक्त घट स्थापना के लिए मिलेगा। घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दोपहर १२.०६ बजे से लेकर १२.५४ तक रहेगा।
शक्ति के साथ होगी ‘शक्तिधरÓ की पूजा
चैत्र नवरात्रि की शुरूआत गुड़ी पड़वा और समापन रामनवमीं के साथ होता है। पंडितों के अनुसार चैत्र नवरात्रि को रामनवमीं के नाम से भी जाना जाता है। इस नवरात्रि में शक्ति (नवदुर्गा) के साथ शक्ति धर (भगवान राम) के पूजन का भी विधान है। देवी मंदिरों यज्ञ, हवन, दुर्गासप्तशति के पाठ होंगे। राम, हनुमान मंदिरों में रामचरित मानस का पारायण किया जाएगा।
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