इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है। पदक 2001 में स्थापित किए गए थे और नए साल, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर दो श्रेणियों गैलेंट्री और मेरुसेट में दिए जाते हैं।
दरअसल नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला को उनके समर्थक शेर-ए-कश्मीर नाम से बुलाते थे। यह उपाधि शेख अब्दुल्ला की सबसे लोकप्रिय उपाधि थी और आम लोगों के बीच भी वह ज्यादातर इसी नाम से जाने जाते थे। शेर-ए-कश्मीर के नाम पर राज्य भर में कई अस्पताल, स्टेडियम, सडक़ें व कई अन्य इमारतें हैं। ऐसे में इस फैसले के बाद सियासी हंगामा मचना तय है। वर्ष 2020 के लिए छुट्टियां जारी करते हुए, केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने 13 जुलाई को शेख अब्दुल्ला की जयंती और ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर 5 दिसंबर को छुट्टी रद्द कर दी थी।