दरअसल, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने सांबा सेक्टर के मंगू इलाके में आतंकियों के घुसपैठ का प्रयास विफल कर दिया था। जब आतंकी अपने गाइड नियाज अहमद की अगुवाई में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की फिराक में थे, तो बीएसएफ ने गाइड को ढेर कर दिया था, हालांकि गाइड के पीछे चल रहे आंतकी भाग खड़े हुए थे।
भारत के मंगूचक्का के सामने वाले पाकिस्तानी गांव भोपालपुर के लोगों को पता चला कि गांव में रहने वाला आतंकी गाइड नियाज अहमद बीएसएफ के हाथों मारा गया, तो महिलाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन कर पाक रेंजर्स पर दवाब बनाया कि जिस व्यक्ति का घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया है, उसका शव लाकर दें। ग्रामीणों के दवाब में आए पाक रेंजर शनिवार को हैदर पोस्ट पहुंचे और बीएसएफ अधिकारियों से बैठक कर नियाज अहमद का शव उन्हें सौंपने की फरियाद की। शुक्रवार की नियाज को अपना नागरिक न मानने की गलती पर भी उन्होंने भारतीय जवानों से माफी भी मांगी। इसके बाद बीएसएफ की 176वीं बटालियन के गुरविंद्र सिंह और एसएचओ घगवाल सुधीर अंदोत्रा ने शव को पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंप दिया।