सामान्य दिनों में वैष्णों देवी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्राचीन गुफा को बंद कर दिया जाता है। जनवरी के समय कड़ाके की सर्दी और नए साल की शुरूआत के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ छट जाती है। इसलिए हर साल लोहड़ी के बाद गुफा खोल दी जाती है। मार्च तक विद्यार्थियों की परीक्षा रहती है और लोग छुट्टी लेने से भी बचते है ऐसे में वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम ही रहती है। ऐसे में जनवरी में खुलने वाली प्राचीन गुफा मार्च के पहले सप्ताह तक खुली रहती है। श्रद्धालुओं की संख्या बढने के बाद इसे फिर से बंद कर दिया जाता है। मिली जानकारी के अनुसार साल 2018 में लोहडी के अगले दिन यानि मकर संक्रांति के दिन प्राचीन गुफा को खोला गया था।