हरि सिंह हाई स्ट्रीट में हुए ग्रेनेड अटैक की बात करे तो इसमें सहारनपुर उत्तर प्रदेश निवासी रिंकू सिंह की मौत हो गई। 20 लोग घायल हो गए इनमें तीन सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवान भी शामिल हैं। पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया है। इनमें दो लोगों ‘एजाज और फैयाज अहमद’ की हालत गंभीर बताई जा रही है। हमले के तुरंत बाद ही सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में ऑपरेशन चलाया हुआ है।
एक महीने में 6 ग्रेनेड हमले
कश्मीर में सामान्य होते हालात से हताश आतंकवादियों का यह घाटी में छठा ग्रेनेड हमला है। इससे पहले आतंकवादियों ने 29 अक्टूबर को पुलवामा के द्रबगाम में स्थित परीक्षा केंद्र के बाहर तैनात सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड फेंका था। इस हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ था। हालांकि उससे एक दिन पहले 28 अक्टूबर को आतंकवादियों ने बस स्टेंड के नजदीक बाजार में ग्रेनेड फेंका था। इस हमले में 19 लोग घाायल हो गए थे। इससे दो दिन पहले 26 अक्टूबर को श्रीनगर के ही काकसराय में आतंकवादी सीआरपीएफ के गश्ती दल पर ग्रेनेड फेंक कर फरार हो गए थे। इसमें सीआरपीएफ के छह जवान घायल हो गए थे। 24 अक्टूबर को आतंकवादियों ने कुलगाम में भी सीआरपीएफ कैंप के बाहर सुरक्षा में तैनात जवानों को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड फेंका जिसमें एक जवान घायल हो गया था।
जिस जगह आतंकियों ने सोमवार 4 नवंबर को ग्रेनेड हमला किया है, वहां पहले भी वे ग्रेनेड फेंक चुके हैं। 5 अक्तूबर को श्रीनगर के हरि सिंह हाई स्ट्रीट के पास आतंकवादियों ने भीड़भाड़ वाले इलाके में ग्रेनेड फेंका था। इस हमले में 14 लोग घायल हो गए थे। घायलों में महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे।
यह है हमलों की अहम वजह…
दरअसल आतंकवादी संगठन कश्मीर में दुकानें खोलने का विरोध करते आ रहे हैं। कई दुकानदार व रेहड़ी वाले उनकी धमकियों को नजरंदाज कर नियमित तौर पर बाजार खोल रहे हैं। शांति के इस माहौल को बिगाड़ने के लिए ही आतंकी संगठन इस तरह के ग्रेनेड हमले कर रहे हैं, ताकि लोगों में दहशत व्याप्त हो और वे उनकी धमकियों को हल्के में न लें।