Pulwama Part-1 : आत्मघाती आतंकी हमले से रो पड़ा था देश, Balakot के बाद शांत हुआ गुस्सा
जवानों को देख भागे…
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के दो ओवर ग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार हंदवाड़ा पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने पंडितपोरा क्रालगुंड में नाका लगाया। जांच के दौरान दो लोगों ने भागने की कोशिश की। वहां मौजूद जवानों ने पीछा करके उन्हें पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार दोनों की पहचान लैंगते निवासी आसिफ अहमद डार और ड्रगमुल्ला कुपवाड़ा के निवासी मुजामिल अहमद पीर के रूप में हुई है। उनके पास से 2 पिस्टल, 2 पिस्टल मैगजीन, 20 पिस्टल राउंड बरामद किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि यह दोनों 2018 से सक्रिय थे और कई हिजबुल के लिए काम कर चुके हैं। दोनों के खिलाफ उचित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
सुरक्षाबलों ने बरामद की आईईडी से भरी कार…
कोरोना काल के बीच ही जम्मू—कश्मीर में देश को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता था। सुरक्षाबलों और जांच एजेंसियों की सर्तकता से बड़ी आतंकी साजिश नाकाम हो गई। सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा के राजपोरा इलाके में बड़ी मात्रा में आईईडी बरामद की। आतंकियों ने इस विस्फोटक सामग्री को राजपोरा के अयंगुंड इलाके में एक कार में छिपा दिया था। सुरक्षाबलों की ओर से इसे नष्ट किया गया। मिली जानकारी के अनुसार विशेष इनपुट मिलने के बाद सेना की 44 आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाकर उस कार का पता लगाया जिसमें विस्फोटक छिपा हुआ था। कार में एक फर्जी नंबर प्लेट लगी हु्ई थी।
हुआ खतरनाक विस्फोट…
कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादियों द्वारा संयुक्त रूप से वाहन में कम से कम 40 से 45 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री छिपाई गई थी। सुरक्षाबलों ने समय रहते कार्रवाई कर बड़ी त्रासदी को रोक लिया। जब विस्फोटक को नष्ट किया गया तो जमीन से 15 मीटर ऊपर चला गया था इससे विस्फोटक की मात्रा का अंदाजा लगाया जा सकता है। बताया गया है कि इस घटना में शामिल एक आतंकी की पहचान आदिल के रूप में की गई है जो हिज़बुल और जैश दोनों के लिए काम करता है।
रमजान में हमला करने की थी योजना…
यह भी बताया गया है कि दोनों आतंकी संगठनो ने रमजान के 17 वें दिन आत्मघाती हमले की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षाबलों के नियमित रूप से जारी आतंक विरोधी अभियान की वजह से इसे अंजाम नहीं दिया जा सका। गौरतलब है कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफीले पर फिदायीन हमला किया गया था। हमले के लिए आरडीएक्स से भरी एक कार का उपयोग किया गया था। इसमें आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का हाथ होने की बात सामने आई थी। हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे।