रामपुरा ग्राम पंचायत के वगतापुरा गांव में रामाराम पुत्र केवदाजी चौधरी के खेत में रमेश पुत्र मफाजी भील निवासी डूंगरी काश्तकार है। उनके रहने के लिए खेत में कच्चा छप्परा बनाया हुआ था। शनिवार सुबह परिजन खेत में कार्य करने चले गए। पीछे 6 साल की भानु और 9 महीने की बसंती थी। दोनों बहनें छप्परे के अंदर सो रही थी। छपरेनुमा झोंपड़ी में अचानक आग लग गई। आग ने दोनों बहनों को अपनी चपेट में ले लिया।
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दूर से उठती दिखी लपटें
रमेश भील और उनकी पत्नी को खेत में काम के दौरान दूर से अपने झोंपड़े से लपटें उठती दिखी तो शोर मचाते हुए भागने लगे। आस-पास के खेतों में काम कर रहे किसान भी दौडे लेकिन आग नहीं बुझा सके। कच्चे छप्परे में सो रहीं दोनों बच्चियां जिंदा जल गई। रानीवाड़ा थाना अधिकारी सवाईसिंह राठौड सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे।
सहायक देने की मांग
परिजनों ने कलक्टर से सहायता राशि दिलाने की मांग की है। रमेश भील महीने भर पहले से परिवार का पालन-पोषण करने के लिए रामाराम चौधरी के खेत में काश्तकारी के लिए आया था। खेत में खड़ी मूंगफली की फसल में निराई-गूड़ाई का कार्य रहे थे,इस दौरान पीछे से छप्परे में आग लग गई।
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पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे देवल
रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल ने वगतापुरा पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और उचित सहायता दिलवाने के लिए आश्वस्त किया। विधायक देवल ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि दो मासूमों के जिन्दा जल जाने से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। इस मार्मिक घटना ने हर व्यक्ति को अन्दर से झकझोर कर रख दिया है। उनके साथ रानीवाड़ा मंडल अध्यक्ष रिड़मल सिंह डाभी, मुकेश खण्डेलवाल, महिपाल चौधरी, भंवरलाल राणा सहित कई लोग सांत्वना देने पहुंचे।