युवक का चाल चलन ठीक नहीं था, यही कारण इस पूरे झूठे घटनाक्रम का आधार बना। इससे पूर्व ग्रेनाइट उद्यमी रतनलाल के पुत्र राजेंद्र का सोमवार को अपहरण किए जाने का घटनाक्रम घटित हुआ था। रिपोर्ट पेश होने के बाद पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाई और विभिन्न स्तर पर टीमें भेजी। इस बीच चौथे दिन युवक के सादड़ी थाना क्षेत्र के सादड़ी-रणकपुर के बीच होने की सूचना पुलिस को मिली। जिस पर पुलिस टीम उसे लेने पहुंची और शाम को युवक को जालोर लाया गया। एसपी ज्ञानचंद्र यादव ने बताया कि युवक को दस्तयाब कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में ही अपहरण का मामला झूठा साबित हुआ।
यह मामला बताया गया था
युवक साईं विहार से औद्योगिक क्षेत्र तृतीय चरण में ग्रेनाइट बट्टी (पत्थर घिसाई) की फैक्ट्री के लिए रवाना हुआ। रिपोर्टकर्ता पिता के अनुसार शाम को पुत्र के फोन से ही उसके अपहरण और 6 लाख रुपए की मांग की जानकारी मिली। रिपोर्टकर्ता पिता ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस को सूचना दी। युवक के ही मोबाइल से मिले लोकेशन पर रुपए लेकर पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं था। देर रात तक अपहृत का पिता और पुलिस आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास करते रहे। इधर, पुलिस ने बताए गए घटनाक्रम के आधार पर सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले, जिसमें ज्यादा कुछ नहीं मिला। एक फुटेज में युवक धवला रोड पर जाता अकेला ही नजर आया। पुलिस अपहरण और लेनदेन के विषय पर मामले में जांच कर रही थी। इस बीच नाटकीय तरीके से युवक दस्तयाब हो गया।
घटनाक्रम को लेकर खड़े थे कई सवाल
प्रारंभिक स्तर पर ही मामला संदिग्ध लग रहा था। घटनाक्रम जिस तरह से घटित होने की जानकारी बताई गई और जिस तरह से अपहृत के पिता को रुपए मांगने के लिए मैसेज मिले थे, उससे मामला पहले दिन से ही पुलिस को संदिग्ध लग रहा था। चूंकि अपहरण का मामला था इसलिए पुलिस ने फिर भी गंभीरता से लिया और लगातार पड़ताल में जुटी रही। पुलिस पूरे मामले में सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल निकाली, जिसमें भी मामला संदिग्ध ही प्रतीत हुआ।