दरअसल, राज्य सरकार की ओर से नए जिलों के रिव्यू को लेकर गठित कमेटी से सांचौर को जिला यथावत रखने की मांग को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेसजनोंं ने जिला कलक्ट्रेट के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार की रिव्यू को लेकर बनाई को कमेटी को अवैधानिक बताते हुए विकास के नाम पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने सांचौर को जिला यथावत रखने मांग की।
पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि सांचौर जिला यथावत रहेगा। अगर किसी ने सांचौर जिले को हटाने की कोशिश की तो आत्मदाह कर लूंगा। उन्होंने लोगों से हिम्मत रखने व उत्साह के साथ संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा जिलों की स्थापना की गई। भाजपा उक्त जिलों के रिव्यू को लेकर कमेटी बनाकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। उन्होंने विधायक जीवाराम चौधरी पर भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
नगर परिषद के सभापति नरेश सेठ ने कहा कि सांचौर जिला बनने से लोगों को फायदा हुआ है। अमराराम माली ने कहा कि भाजपा सरकार को नए जिले के विकास को लेकर योजनाएं बनानी चाहिए। हिन्दूसिंह दूठवा ने कहा कि सांचौर जिला बनने से सबसे ज्यादा फायदा दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को हुआ है। रामवतार मांजू, सुरजनराम साहू, केशाराम मेहरा समेत अन्य वक्ताओं ने भी धरना प्रदर्शन को संबोधित किया। धरना प्रदर्शन के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।क्यों बढ़ रही है टेंशन?
हाल ही में भजनलाल सरकार ने राजस्थान में गठित नए जिलों की समीक्षा के लिए समिति गठित की है। उपमुख्यमंत्री सहित 5 मंत्रियों की एक कैबिनेट सब कमेटी बनाकर नए जिलों की समीक्षा रिपार्ट मांगी गई है। चर्चा यह है कि सरकार प्रदेश में कुल 50 जिलों में से 10 जिलों को कम कर सकती है। ऐसे में नए जिले के लोगों की टेंशन बढ़ गई और विरोध जता रहे हैं। बता दें कि पूर्ववर्ती सरकार ने पहले 19 नए जिले और फिर मालपुरा, कुचामन और सुजानगढ़ को जिला बनाने की घोषणा की थी। लेकिन, नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण सरकार ने हाल ही में मालपुरा, कुचामन और सुजानगढ़ जिलों को रद्द कर दिया था। यह भी पढ़ें
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