जालोर

राजस्थान के इस क्षेत्र में सालों से पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बने ब्लाइंड मर्डर के मामले, हत्यारे पकड़ से दूर

Jalore Crime News: आलम यह है कि आहोर क्षेत्र में हत्या के कई मामले पिछले लंबे समय से पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बनकर रह गए हैं

जालोरDec 24, 2024 / 03:52 pm

Rakesh Mishra

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jalore News: आहोर समेत क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की यह शिथिल कार्यप्रणाली का ही नतीजा है कि हाल ही तथा गत वर्षों में घटित हत्या की वारदातों का अभी तक राजफाश नहीं हो पाया है। इन मामलों को लेकर जहां पुलिस केवल हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। वहीं हत्या जैसे संगीन अपराध के आरोपी अभी तक पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहे है।
यहां पूर्व में हत्या के मामले घटित होने के बाद से पुलिस लगातार अनुसंधान जारी होने का हवाला दे रही है, लेकिन अभी तक पुलिस को एक भी मामले का राजफाश करने में सफलता नहीं मिल पाई है।
आलम यह है कि क्षेत्र में हत्या के कई मामले पिछले लंबे समय से पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बनकर रह गए हैं। इनका राजफाश पुलिस अभी तक नहीं कर पाई है। जिसके चलते इ नमामलों के आरोपित अभी तक पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहे हैं।

महिला की हुई थी निर्मम हत्या

आहोर में गत 19 दिसबर 2010 की शाम को कस्बे की हनुमान कॉलोनी में वृद्ध मोहनदास वैष्णव के रहवासीय मकान में तीन नकाबपोश आरोपितों द्वारा लूट व हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था।
आरोपी मकान मालिक वृद्ध मोहनदास की पत्नी प्यारीबाई की निर्मम हत्या तथा मोहनदास को गंभीर घायल कर मकान में से सोने-चांदी के जेवरात व नकदी लूटकर ले गए थे। इस मामले में पुलिस अभी तक आरोपितों का सुराग नहीं लगा पाई है।
निबला ढाणी निवासी भाद्राजून ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष राणाराम चौधरी पुत्र संग्रामाराम का गत 31 मार्च 2013 को सुबह खून से लथपथ अर्द्धनग्नावस्था में शव माधोपुरा बस स्टैण्ड पर स्थित उसकी चौधरी सैण्ड स्टोन दुकान के बाहर उसकी कार के समीप पड़ा मिला था।
इस वारदात को लेकर मृतक के चचेरे भाई की रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी, लेकिन पुलिस अभी तक इस मामले को लेकर कोई सुराग नहीं लगा पाई है।

आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई पुलिस

गत 8 नवंबर 2012 को क्षेत्र के वलदरा गांव में सविताकंवर पत्नी तेजसिंह राठौड़ का खून से लथपथ शव उसके घर में पड़ा मिला था। पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपितों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी, लेकिन पुलिस अभी तक हत्या के आरोपितों को नहीं पकड़ पाई है।
गत 8 नवंबर 2013 को आहोर-जालोर सड़क मार्ग पर भैंसवाड़ा के डॉ. बीआर अंबेडकर राबाआवि के सामने झाड़ियों में एक अज्ञात किशोरी का शव विद्युत पोल से बंधा हुआ मिला था। जिसका पुलिस अभी तक राजफाश कर आरोपितों को नहीं पकड़ पाई है।
इसके अलावा क्षेत्र के अगवरी में गत 4 सितंबर 2017 को नरपतकुमार मेघवाल की संदिग्ध मौत को लेकर परिजनों की ओर से पुलिस थाने में दर्ज करवाए हत्या के मामले का अभी पुलिस अभी तक राजफाश नहीं कर पाई है।

बुजुर्ग महिला का मिला था शव

आहोर क्षेत्र के वलदरा गांव में गत 3 जुलाई 2021 को बुजुर्ग महिला ओटीदेवी मीणा का खून से लथपथ शव उसके घर में ही पड़ा मिला था। अज्ञात आरोपितों ने उसकी निर्मम हत्या कर दी।
पुलिस द्वारा हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई, लेकिन अभी तक पुलिस इस मामले का राजफाश नहीं कर पाई है।गत 10 दिसंबर 2020 को कस्बे के बुजुर्ग टीकमसिंह राजपुरोहित की हत्या कर शव को भागली पुरोहितान की सरहद में फेंक दिया गया था।
इस मामले को लेकर मृतक के परिजनों व समाज के लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे तथा मामले की शीघ्र राजफाश की मांग की गई, लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।

11 साल के बच्चे की हुई थी हत्या

क्षेत्र के शंखवाली में 11 वर्षीय छात्र लक्ष्मण मीणा गत 11 फरवरी 2021 को घर से स्कूल जाने के लिए निकला था, लेकिन दूसरे दिन उसका शव एक खेत में पड़ा मिला। पुलिस की ओर से इस मामले को लेकर हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई।
मृतक के परिजनों व मीणा समाज के लोगों द्वारा कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ उपखंड मुख्यालय पर कई दिनों तक धरना प्रदर्शन भी किया गया। कुछ महीनों पूर्व भैंसवाड़ा हाल जालोर निवासी देवासी समाज के एक बालक की खारा गांव में हुई संदिग्ध मौत के मामले का पुलिस अभी तक राजफाश नहीं कर पाई है।
मृतक बालक भैंसवाड़ा से बारात में खारा गांव गया था। खारा गांव में उसका शव तालाब में पड़ा मिला था। परिजनों की ओर से बार-बार की जा रही मांग के बावजूद पुलिस अभी तक इस मामले का पटाक्षेप नहीं कर पाई है।

पुलिस से पुरजोर की गई मांग

गौरतलब है कि क्षेत्र में पूर्व में घटित इन हत्या के मामलों का राजफाश कर आरोपितों को गिरफ्तार करने की कई बार परिजनों समेत समाजबंधुओं की ओर से पुलिस व प्रशासन से मांग की गई। इस दौरान हर बार केवल पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन मामलों का शीघ्र राजफाश करने का आश्वासन ही दिया गया।
हैरानी की बात यह है पुलिस कई महीनों का लंबा समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक एक भी मामले का पटाक्षेप नहीं कर पाई है। वर्तमान में तो इन मामलों की जांच भी ठंडे बस्ते में पड़ी है।
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