राजस्थान में पैंथर ने दिया वन विभाग को चकमा, नहीं हुआ पिंजरे में कैद, दूसरे रास्ते से भागा, गांवों में दहशत
Panther in Jalore: वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पैंथर के पगमार्ग करड़ा से होते हुए दांतवाड़ा पहाड़ी क्षेत्र की तरफ के मिले। इसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली।
राजस्थान के जालोर के नोहरा गांव के पैंथर आने के बाद दूसरे दिन भी वन विभाग की टीम अलर्ट रही। हालांकि पैंथर वन विभाग के पिंजरे में कैद नहीं होकर दूसरे रास्ते से भाग गया। वन विभाग की टीम ने सुबह ही पैंथरे के पगमार्ग से तलाश शुरू की।
पैंथर के पहुंचने की सूचना पर जोधपुर से वन विभाग की ट्रेकुलाइज टीम भी पहुंची। क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि पैंथर को पकड़ने के लिए वनपाल गजाराम चौधरी व महिपालदान चारण के नेतृत्व वन विभाग की दो टीमें लगी रहीं। वन विभाग ने नोहरा में किसान के खेत में छुपे पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था, लेकिन पैंथर दूसरे मार्ग से पहुंचा।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पैंथर के पगमार्ग करड़ा से होते हुए दांतवाड़ा पहाड़ी क्षेत्र की तरफ के मिले। इसके बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि गुरुवार को नोहरा गांव में नवाराम देवासी के खेत में सुबह फव्वारे की पाइप बदलते समय सरसों की फसल में उन्हें पैंथर नजर आया।
उसके बाद दोपहर में नोहरा निवासी गोवाराम पुत्र लच्छाजी भील रखवाली करते हुए सरसों की फसल में पहुंचा, तो उस पर हमला कर घायल कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्च ऑपरेशन अभी समाप्त किया है, लेकिन वन विभाग की दो टीमें गठित कर रखी हैं। पैंथर कहीं भी दिखा तो पकड़ा जाएगा।
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गांवों में अभी भी दहशत का माहौल
भले ही वन विभाग पगपार्ग के आधार पर पैंथर के वन क्षेत्र में जाने की बात बताकर सर्च ऑपरेशन को समाप्त कर दिया है, लेकिन नोहरा में पैंथर के पहुंचने के आने के बाद आस-पास के गांवों में किसानों व पशुपालकों में अभी दहशत का माहौल है। नोहरा निवासी किसान जैसाराम चौधरी ने बताया कि किसान रात में फसलों की सिंचाई व रखवाली भी अकेले में करने से डर रहे हैं।