इसमें महाविद्यालय को पूर्व आंवटित जमीन का नामांतरण व शेष कब्जासुदा जमीन का आवंटन महाविद्यालय के नाम करने की मांग की। छात्रशक्ति ने ईमेल से पत्र भेजने के बाद उनके पते पर रजिस्ट्री भी करवाई।
यह रखी मांग
छात्रशक्ति ने मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे गए पत्र में बताया कि महाविद्यालय की चारदिवारी में करीब 100 एकड़ जमीन महाविद्यालय के कब्जे में पिछले 40-50 साल से है। इस जमीन का उपयोग महाविद्यालय के लिए हो रहा है, लेकिन इतने सालों बाद भी इस जमीन का नामांतरण या आवंटन महाविद्यालय के नाम नहीं हो पाया। इस कब्जासुदा जमीन में से भी जिला प्रशासन ने दो बार दूसरे विभाग के लिए आवंटन कर दिया है। छात्रशक्ति ने 2022 में भी राजस्व मंत्री को ज्ञापन भेजकर राजस्व रेकर्ड में नाम दर्ज करने की मांग की गई थी, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाया गया।
छात्रशक्ति ने मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे गए पत्र के माध्यम से जल्द महाविद्यालय को पूरी कब्जासुदा जमीन का आवंटन कर नामांतरण दर्ज करने की मांग की।
दीपक देवासी, पूर्व छात्रसंघ, अध्यक्ष
जमीनी हक के संघर्ष करेंगे
महाविद्यालय को जमीनी हक दिलावाने के लिए संघर्ष करेंगे। इसके लिए छात्रशक्ति को अगर आंदोलन भी करना पडेगा तो करेंगे। महाविद्यालय के विकास के लिए जमीनी हक जरूरी है।दीपक देवासी, पूर्व छात्रसंघ, अध्यक्ष
कानूनी तौर पर लड़कर भी हक लेंगे
महाविद्यालय को आंवटित जमीन के नामांतरण व कब्जासुदा जमीन के नवीन आंवटन के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़कर भी महाविद्यालय को जमीनी हक दिलवाएंगे।एडवोकेट चिराग बोहरा, पूर्व छात्रसंघ, अध्यक्ष