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Jalore News: 1 शिक्षक के भरोसे चल रहा था सरकारी स्कूल, गुस्साए बच्चों ने जड़ दिया ताला

Jalore News: ग्रामीणों का कहना था कि समस्या को लेकर पूर्व में भी धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे विद्यालय से शिक्षकों को लगाया गया था, लेकिन चार-पांच माह बाद वे फिर से रिलीव हो गए।

जालोरOct 23, 2024 / 12:56 pm

Rakesh Mishra

Jalore News: जालोर के आलवाड़ा ग्राम पंचायत स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते प्रभावित हो रहे अध्ययन से परेशान अभिभावक व विद्यार्थियों ने स्कूल की तालाबंदी की और गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए। अभिभावक और विद्यार्थियों का कहना था कि पिछले कई साल से विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। समस्या से जनप्रतिनिधियों और विभाग को अवगत करवाने पर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इस स्थिति में विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। 12वीं तक का विद्यालय मात्र 3 शिक्षकों के भरोसे पर चल रहा है। स्कूल की व्यवस्था एक प्रधानाध्यापक और दो शिक्षकों के भरोसे है, जिसमें भी एक शिक्षक अवकाश पर हैं। ऐसे में महज एक शिक्षक के भरोसे पहली से बाहरवीं कक्षा तक के 260 से अधिक विद्यार्थियों की अध्ययन की निर्भरता है। ग्रामीणों का कहना था कि समस्या को लेकर पूर्व में भी धरना प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरे विद्यालय से शिक्षकों को लगाया गया था, लेकिन चार-पांच माह बाद वे फिर से रिलीव हो गए।

शिक्षा मंत्री को सौंप चुके ज्ञापन

आलवाड़ा के ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को कई बार ज्ञापन सौप कर अवगत करवा चुके है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के जालोर प्रवास के दौरान उन्हें भी समस्या से अवगत करवाया गया था। उन्होंने आश्वासन दिया था, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

8 पद स्वीकृत, लेकिन अधिकतर खाली

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आलवाड़ा में शिक्षकों के आठ पद स्वीकृत है। विद्यालय में व्याख्याता का एक भी पद नहीं है। इन आठ शिक्षकों में से 5 पद रिक्त है, मात्र तीन शिक्षक पदस्थापित हैं। उसमें से एक शिक्षक अवकाश पर तो एक शिक्षक के पास कार्यालय का प्रभार है।

हर बार विभाग ले रहा है वैकल्पिक शिक्षकों का सहारा

सायला क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षा विभाग के पास वैकल्पिक शिक्षक लगाने के अलावा कोई सहारा नजर नहीं आ रहा है। पूर्व में आलवाड़ा के ग्रामीणों ने स्कूल की तालाबंदी कर धरने पर बैठे थे। उस दौरान भी शिक्षा विभाग ने दूसरे विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को वैकल्पिक तौर पर लगाया गया था, जो कुछ समय सेवा देकर पुन: अपने मूल स्थान पर पदस्थापित हो गए थे। ऐसे में विद्यार्थियों के अध्ययन पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है और अभी भी शिक्षा विभाग ने वैकल्पिक शिक्षकों को लगा कर ग्रामीणों एवं विद्यार्थियों को आश्वस्त किया है, लेकिन कुछ माह बाद भी यही स्थिति बनी हुई है।
विद्यालय के गेट पर तालाबंदी एवं धरना प्रदर्शन की जानकारी पर विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों की मांग पर 4 शिक्षकों को वैकल्पिक तौर पर लगाया गया है। अन्य समस्याओं के समाधान का भी प्रयास किया जा रहा है।
  • भंवरलाल परमार, सीबीईओ सायला
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