इस क्वालिटी की डिमांड ज्यादा
हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट में देवड़ा डजर्ट ब्राउन, पी व्हाइट और राजस्थान पत्थर की डिमांड सर्वाधिक है। इस स्थिति में जालोर में जो ग्रेनाइट इकाइयां एक शिफ्ट में चल रही थी, वे अब दो से तीन शिफ्ट में चल रही है। डिमांड लगातार जारी है और इसका फायदा सभी उद्यमियों को मिलने वाला है।
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दो गुनी पहुंची डिमांड, चहका मार्केट
ऑफ सीजन में जालोर से प्रतिदिन औसतन 70 से 80 ट्रक तैयार माल बमुश्किल मंडियों तक जा रहे थे। अब इससे लगभग दो गुना तैयार माल जालोर से रवाना हो रहा है और माल की एडवांस डिमांड भी खूब है। एक तरफ इस स्थिति से ग्रेनाइट उद्यमियों के चेहरे खिले हुए हैं, तो दूसरी तरफ लगातार मिल रहे परिवहन और भाड़े से ट्रांसपोर्टर्स भी खुश है।
मेट्रो दिल्ली में भी जालोर ग्रेनाइट
दिल्ली में मेट्रो प्रोजेक्ट के विस्तार का काम चल रहा है। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर फ्लोरिंग समेत विभिन्न काम में जालोर के ग्रेनाइट की सर्वाधिक डिमांड है। जिसका फायदा स्थानीय उद्योग को ही मिल रहा है। बता दें पूर्व के प्रोजेक्ट में ही जालोर के ग्रेनाइट का ही सर्वाधिक उपयोग हुआ था।
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फैक्ट फाइल
- 10 लाख फीट रोजाना जालोर से रवाना हो रहा
- 7 हजार फीट प्रति ट्रक तैयार माल का लदान
- 125 ट्रक रोजाना जालोर से रवाना हो रहे
- 200 से अधिक रेलवे स्टेशनों के कार्य में जालोर के ग्रेनाइट का उपयोग
मार्केट के लिए सौगात
ग्रेनाइट का मार्केट इस बार काफी अच्छा है और अभी ग्रेनाइट की डिमांड भी खूब है। यह जालोर के ग्रेनाइट उद्योग के लिए अच्छे संकेत है। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के रेलवे प्रोजेक्ट और दिल्ली में मेट्रो प्रोजेक्ट में ग्रेनाइट उपयोग हो रहा है।
राजू चौधरी, अध्यक्ष, ग्रेनाइट एसोसिएशन, जालोर