किसान नेता अर्जुनसिंह सुराणा ने कहा कि जालोर का हक पाली जिले ने मारा है। पेयजल स्कीम के नाम पर जनता को ठगा गया है। हकीकत में जालोर के हिस्से का यह पानी जालोर में पेयजल स्कीम्स से कई अधिक वहां की कपड़ा फैक्ट्रियों में केमिकल युक्त कपड़ों की धुलाई में उपयोग आ रहा है। इसी के कारण जालोर को पानी नहीं मिल रहा। नदी में पानी तभी छोड़ा जाता है जब उसे बांध में रोक पाना संभव नहीं होता। किसान नेता रतनसिंह कानीवाड़ा ने कहा कि नेताओं की उदासीनता जालोर के पूरे कृषि क्षेत्र के नष्ट होने का कारण बनेगा।
उन्होंने कहा कि जालोर जिला डार्क जोन में है। बारिश भी कम हो रही है। नदी में पानी नहीं मिलने से करीब 200 किमी दायरे के सभी जवाई क्षेत्र के सभी कुएं सूख चुके हैं। किसान नेता बद्रीदान नरपुरा ने कहा कि जवाई हो या माही परियोजना जालोर को हक का पानी मिलना चाहिए। इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा। महापड़ाव को बाबूलाल जाखड़ी, राणसिंह मेडा, सोनाराम, सेवाराम, पाबूराम विश्नोई, सांवलाराम, छैलसिंह, प्रभुराम, चंदनसिंह मोरसीम, विक्रमसिंह, जीवाराम समेत कई किसान नेताओं ने संबोधित किया।