मामले में खास बात यह है कि पहले चरण में मारवाड़ कोरी से भीलड़ी के बीच इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए वर्कऑर्डर जारी हो चुके हैं और चार हिस्सो में हो रहे इस दोहरीकरण का काम करीब 18 माह में पूरा किया जाना है। पहले चरण में शुरु हो रहे इस कार्य के लिए वर्किंग एजेंसी ने कैंप भी कर लिया है। प्रोजेक्ट के जालोर-बाड़मेर जिले के लिए कई मायने है। इसकी क्रियान्विति के लिए एक कॉमर्शियल कोरिडोर अलग से स्थापित हो जाएगा। जिससे कंटेनर की आवाजाही आसान होगी। जिससे कांडला पोर्ट तक माल भेजने और वहां से माल विभिन्न मंडियों तक ले जाने के लिए यह एक आसान ट्रेक उपलब्ध रहेगा। बता दें इसका बड़ा फायदा जालोर के ग्रेनाइट उद्योग को भी मिलने वाला है।
फरवरी में मिली थी कैबिनेट की मजबूरी
कैबिनेट की ओर से 8 फरवरी 2024 को राजस्थान के 3 महत्वपूर्ण रेल मार्गों के दोहरीकरण को मंजूरी दी गई थी। इसमेें लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रूट शामिल था। इसके अलावा जयपुर-सवाई माधोपुर, अजमेर-चंदेरिया भी इसी प्रोजेक्ट में मंजूद किए गए।90 किमी का काम 252 करोड़ का
करीब 91 किमी दायरे में विकास के विभिन्न कार्य पर 252 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस कार्य के लिए अगस्त माह में टेंडर जारी हो चुके हैं। प्रोजेक्ट के तहत इस दायरे में 145 ब्रिज को चौड़ा करने या नवीनीकरण का काम किया जाएगा। इसी तरह 10 नए प्लेटफार्म (स्टेशन के दूसरे छोर पर) बनेंगे, 6 स्टेशन की नई बिल्डिंग और 7 फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा।प्रोजेक्ट एक नजर
- 278 रूट किलोमीटर है लूनी-समदड़ी-भीलड़ी
- 3530.92 करोड़ रुपए अनुमानित लागत है इस प्रोजेक्ट की
- 50 गुड्स ट्रेनें गुजरती हैं 24 घंटे में
- 21 रेलवे स्टेशन है इस ट्रेक पर
चार हिस्सों में होगा प्रोजेक्ट का काम
- मारवाड़ कोरी से भीलड़ी के बीच 90.4 किलोमीटर
- लूनी से बिशनगढ़ के बीच 96 किलोमीटर
- बिशनगढ़ से मोदरा के बीच 48 किलोमीटर
- मोदरा से मारवाड़ कोरी के बीच 41 किलोमीटर
यह है प्रोजेक्ट की मंशा
लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेल मार्ग के दोहरीकरण होने से अधिक माल लदान के परिवहन में मदद मिलेगी तथा इस मार्ग पर भविष्य में डबल स्टैक केंटेनर ट्रेन का संचालन किया जाना भी संभव होगा। जोधपुर और बाड़मेर से जालोर होते हुए अहमदाबाद की ओर जाने के लिए मार्ग पर अधिक यात्री और मालगाडिय़ां का संचालन किया जा सकेगा। भविष्य से जुड़े इस बहुआयामी प्रोजेक्ट का दोहरीकरण किया जाना है। यह कार्य अलग अलग फेज में होना है। जिसके तहत कार्यादेश जारी किए गए हैं।
- पुरुषोत्तम पेरिवाल, पीआरओ, रेलवे जोधपुर
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