त्रिवेदी ने बताया कि देवउठनी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद चौकी पर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें। भगवान विष्णु को चंदन व हल्दी कुंकुम से तिलक लगाएं। दीपक जलाने के साथ प्रसाद में तुलसी की पत्ती जरूर डालें। इसके अलावा तुलसी पूजन के लिए तुलसी के पौधे के चारों गन्ने का तोरण बनाएं। रंगोली से अष्टदल कमल बनाएं व तुलसी के साथ आंवले का गमला लगाएं। तुलसी पूजा व आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।
देवउठनी एकादशी पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में निहित है कि देवउठनी एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में नींद से जागृत होते हैं। अत: इस दिन से मांगलिक कार्य का भी शुभारंभ होता है। इसी के साथ इस दिन सिद्धि योग बन रहा है। सिद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।