जालोर

बिपरजॉय तूफान नहीं आता तो ये होते राजस्थान के हालात, मौसम वैज्ञानिकों ने दी ये बड़ी रिपोर्ट

Cyclone Biparjoy: जालोर व सांचौर जिले में पिछले कई दिनों से बारिश का दौर थमा हुआ है। देखा जाए तो अगस्त का पूरा महीना सूखा ही रहा है। जून-जुलाई में खूब पानी बरसा। वहीं 16 जून को बिपरजॉय चक्रवाती तूफान ने सांचौर में प्रवेश किया था।

जालोरAug 27, 2023 / 01:39 pm

Akshita Deora

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/दिनेश कुमार माली। Cyclone Biparjoy: जालोर व सांचौर जिले में पिछले कई दिनों से बारिश का दौर थमा हुआ है। देखा जाए तो अगस्त का पूरा महीना सूखा ही रहा है। जून-जुलाई में खूब पानी बरसा। वहीं 16 जून को बिपरजॉय चक्रवाती तूफान ने सांचौर में प्रवेश किया था। इसका असर जालोर व सांचौर में 20 जून तक रहा। इन 4-5 दिनों में जिले में भरपूर बारिश हुई। बिपरजॉय के कारण 3 दिन में पूरे मानसून सीजन की औसत से ज्यादा ही बारिश हुई। पूरे मानसून की बात करें तो बिपरजॉय की बारिश को छोडकऱ मानसून की बारिश औसत से भी कम हुई है। अगर यह तूफान नहीं आता तो इस साल जिले में सूखे के हालात बन जाते। तूफान के कारण जिले में काफी नुकसान भी हुआ, लेकिन फायदा उससे कहीं ज्यादा हुआ है। तूफान के कारण जिले में एक हफ्ते तक बिजली व्यवस्था बाधित रही। फोन और मोबाइल नेटवर्क भी बंद हो गए थे। ऐसे में लोगों को खासी परेशानियां झेलनी पड़ी। तूफानी बारिश के कारण नदी-नाले चले तो गांवों में जलाशय भी भर गए। ऐसे में जिले में भूजल स्तर में भी खासा फायदा हुआ है। जवाई नदी किनारे कृषि कुए करीब 2 साल तक के लिए रीचार्ज हो चुके है।

2 दिन में ही तालाब ओवरफ्लो
जालोर में बिपरजॉय तूफान का असर 17 जून से शुरू हुआ। बारिश इतनी तेज हुई कि जवाई नदी पूरे वेग से बहने लगी तो वहीं शहर का सुंदेलाव तालाब भी ओवरफ्लो चलने लगा। जालोर में तूफान के असर से तीन दिन में 638 एमएम बारिश हुई। सुंदेलाव तालाब करीब डेढ़ महीने तक ओवरफ्लो चला है।

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कुंए भी हुए रीचार्ज
तूफान के कारण जिलेभर में नदी नाले चलने लगे। कई जगह तो एक-एक महीने तक नदियां चली है। वहीं जवाई नदी भी आहोर व जालोर में करीब एक महीने तक चली। इससे जवाई नदी किनारे बसे कुएं करीब 2 साल तक के लिए रीचार्ज हो गए है।

बांध भी हुए ओवरफ्लो
जिले के 12 बांधों में से 8 बांधों में पानी की आवक हुई। वहीं 6 बांध तो ओवरफ्लो भी हुए है। वर्तमान में भी चवरछा और बांकली बांध लबालब भरे हुए है। वहीं इन बांधों के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब और नाडिय़ां भी भरे हुए है।
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बिपरजॉय से नुकसान
बिजली व्यवस्था पूरी चौपट होने से डिस्कॉम को 10 करोड़ 45 लाख का नुकसान उठाना पड़ा। जिले में नदी नाले चलने से कई सडक़ें पूरी तरह उखड़ी और पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए। बारिश और तेज हवा के कारण कच्चे घर ढहे और टीनशेड उड़े।

फायदा
जिले में जलाशय भर गए, सेवज खेती के लिए खेत लबालब, छोटे-बड़े बांधों में आया पानी, नदी-नालों में पानी चला जिससे कुएं रीचार्ज हुए, 6 साल बाद जवाई नदी चली, एक बारिश में सुंदेलाव तालाब ओवरफ्लो चला।

बिपरजॉय की बारिश को छोड़ दें तो मानसून की बारिश औसत से भी बहुत कम
मानसून की बारिश———–औसत अंतर
जालोर-403—————-559 -156
आहोर-183—————-473 -290
सायला-113—————-431 -318
भीनमाल-283—————-554 -271
बागोड़ा-342—————-391 -49
जसवंतपुरा-239—————-664 -425
रानीवाड़ा-263—————-742 -479
सांचौर-266—————-532 -266

वर्ष 2022 में हुई थी मानसून की अच्छी बारिश
पिछले वर्ष मानसून की बारिश अच्छी हुई थी। वर्ष 2022 में पूरे मानसून के दौरान जालोर में 775 एमएम, आहोर में 472 एमएम, सायला में 469 एमएम, भीनमाल में 720, बागोड़ा में 402 एमएम, जसवंतपुरा में 849 एमएम, रानीवाड़ा में 814 एमएम, चितलवाना में 377 एमएम और सांचौर में 538 एमएम बारिश हुई थी।

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