पाकिस्तान की ओर पानी के बहाव में कमी आएगी इस प्रोजेक्ट का निर्माण गुरदासपुर जिले में रावी नदी पर किया जा रहा है, जिससे पाकिस्तान की ओर जा रहे नदी के पानी में कमी आएगी। प्रोजेक्ट के मुकम्मल होने पर पंजाब और जम्मू-कश्मीर दोनों राज्यों को बड़ा लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट के चालू होने से सिंधु जल संधि के अनुसार देश रावी नदी की क्षमता को पूर्ण रूप में उपयोग करने के योग्य हो जायेगा।
सालाना 1042 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 55.50 मीटर ऊँचा डैम, 7.7 किलोमीटर लंबा हाइडल चैनल और 206 मेगावाट की क्षमता वाले दो पावर हाउस शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट के द्वारा पंजाब में तकरीबन 5000 हेक्टेयर और जम्मू कश्मीर में तकरीबन 32173 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई होगी। यू.बी.डी.सी. प्रणाली के अंतर्गत यह प्रोजेक्ट 1.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेगा। रणजीत सागर डैम के लिए शाहपुरकंडी डैम संतुलन भंडार के तौर पर काम करेगा और इसको पीकिंग पावर स्टेशन के तौर पर चलाने के साथ-साथ मानसून के दौरान इसकी पूरी क्षमता के प्रयोग के योग्य बनाएगा। यह प्रोजेक्ट मुकम्मल होने पर सालाना 1042 मिलियन यूनिट बिजली पैदा करेगा।
समय सीमा में पूरा करने का निर्देश पंजाब के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह ने शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट अथॉरिटी को निर्देश दिए कि हर हाल में समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य पूरा होना चाहिए। उन्होंने शाहपुर कंडी बांध निर्माण बोर्ड की स्थायी समिति की 11वीं बैठक में यह बात कही। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग एवं वाणिज्य) श्रीमती विनी महाजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के द्वारा मीटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव (पावर) अनिरुद्ध तिवारी, चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर (पीएसपीसीएल) ए. वेनू प्रसाद, प्रमुख सचिव (जल स्रोत) सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव (वित्त) के.ए.पी. सिन्हा, पंजाब सरकार के तकनीकी सलाहकार रोबिन संधू, चीफ इंजीनियर (शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट) एस के सलूजा, चीफ इंजीनियर (शाहपुरकंडी डैम डिजाइन) आई.डी. गोयल, वित्तीय सलाहकार और मुख्य लेखा अधिकारी (शाहपुरकंडी डैम प्रोजेक्ट) सुरिन्दर मोहन उपस्थित थे।