हर समय रहता है वाहनों का दबाव
नाचना से रामदेवरा तक सड़क के दोनों तरफ करीब दो दर्जन गांव स्थित है और सैंकड़ों लोग निवास करते है। इसके अलावा नोख, मोहनगढ़ व बीकानेर के लिए यह मार्ग कम दूरी होने के कारण लोग यहीं से गुजरते है। ऐसे में दिन-रात राहगीरों व वाहन चालकों का आवागमन रहता है। जबकि इस मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण राहगीरों व वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
सेना के वाहनों का रहता है आवागमन
सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सेना के वाहन इसी मार्ग से गुजरते है। सेना के बड़े व भारी वाहनों के एक साथ आने के दौरान सामने बस या किसी वाहन के आने पर जाम की स्थिति हो जाती है। इसी प्रकार दो वाहनों के आमने-सामने आने पर दोनों वाहनों को सड़क से नीचे उतारना पड़ता है। जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। साथ ही हादसे का भय बना रहता है।
घायलों या मरीजों को समय पर नहीं मिल पाता उपचार
नाचना से रामदेवरा की दूरी करीब 61 किलोमीटर और भारेवाला से नाचना की दूरी 41 किलोमीटर है। सड़क की चौड़ाई कम होने से आमजन को परेशानी से रु-ब-रु होना पड़ता है। सीमावर्ती क्षेत्र में कई बार सड़क हादसे में घायलों या गंभीर बीमारी के मरीजों को अस्पताल ले जाने के दौरान भी परेशानी होती है। यही नहीं बड़े हादसे में गंभीर घायलों को बीकानेर रैफर करने पर भी उन्हें इसी मार्ग से ले जाया जाता है। सड़क की चौड़ाई कम होने से समय भी अधिक लगता है। जिसके कारण समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।
फैक्ट फाइल:-
– 102 किलोमीटर लंबा है सड़क मार्ग
– 51 वर्ष पूर्व ग्रिफ ने करवाया था निर्माण
– 2 दर्जन गांव मार्ग पर है स्थित
चौड़ाई कम होने से हो रही परेशानी
सड़क की चौड़ाई कम होने से राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानी होती है। दुर्घटना में घायलों या गंभीर बीमार को समय उपचार भी नहीं मिल पाता है। चौड़ाई कम होने से हर समय हादसे का भी भय रहता है। जिम्मेदारों को इस संबंध में ध्यान देना चाहिए।
– तुलसीदास भार्गव, निवासी नाचना