जैसलमेर

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का वर्चुअल संबोधन

विकास ने सारे अमृत को लील लिया, पशुधन की अमीरी खो गई-कोठारी

जैसलमेरFeb 13, 2021 / 07:14 pm

Deepak Vyas

राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का वर्चुअल संबोधन

जैसलमेर . राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि जैसलमेर को कुदरत ने अमीर क्षेत्र बनाया। यहां पशुधन हैं। दूध-दही की नदियां बहाने वाले इस इलाके में मालाणी के घोड़े और ऊंट से पहचान रही है। तिलवाड़ा से पशुमेलों की शुरूआत होकर पूरे प्रदेश होते हुए केरल,आसाम तक आयोजन होते थे। सेवण घास के क्षेत्र को खत्म कर दिया है। आधुनिक विकास ने सारे अमृत को लील लिया है। हमारी दिक्कत है कि हम खेती पानी को ही विकास मान बैठे है,जबकि विकास जहां हमने जन्म लिया है उस क्षेत्र की विशेषता है। पशुधन को आज भी अपनाया जाए तो देशभर में इस इलाके को बाजार मिलेगा। उन्होंने कहा कि पत्रिका ने 1980 में यहां अरब के शहजादों के शिकारगाह बन रहे जैसलमेर के मद्दे को उठाया तो गोडावण बचाने का बड़ा अभियान बना। सीमा क्षेत्र में तस्करों के नेटवर्क के खिलाफ खड़े हुए तो पश्चिमी सीमा पर तारबंदी बन गई। तस्करी से पंगु हो रही पीढ़ी बच गई। शुक्रवार को संवाद सेतु कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करते हुए कोठारी ने कहा कि राजनीतिक भेदभाव ने जैसलमेर के विकास को रोक दिया है। विधानसभा चुनावों में करीब से देखा है कि सांप्रदायिक सौहार्द दूर से दिखता है, राजनीतिज्ञों की आंखों में कहीं नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अमले में एक रुपया ऊपर से आता है तो अब दो पैसे भी नहीं पहुंच पा रहे है। कोई नहीं बोल रहा है। लोकतंत्र के तीनों पहरेदार चुप है। उन्होंने कहा कि जैसलमेर के लोग ही तय करेंगे कि वे आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे? कार्यक्रम में जिले के सुधिपाठक, प्रबुद्धजन, शिक्षाविद, अधिवक्ता और विचारक जुड़े हुए थे।
सब्जबाग दिखा रहे है
पवनऊर्जा, सौरऊर्जा और कितनी ही योजनाएं है जिनमें शुरूआत में योजनाएं कुछ और होती है। बाद में पता चलता है कि सब्जबाग दिखाए गए है। मेडिकल कॉलेज कागजों में है। नहर पास से जा रही है और शहर में पानी नहीं है। कारण यह है कि जितने भी लोग प्रशासन में आते है वे जैसलमेर का जमीन का टुकड़ा मानते है। इनकी विकास की अवधारणा विलायती है।
लोगों को कर्तव्यों के प्रति जागरुक करें
हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी कि लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति जागरुक किया जा सके। जैसलमेर में आगामी दिनों में होने वाले मरु महोत्सव में हमारा जोर पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ आमजन को जोडऩे पर है। कोरोना के बाद लोगों के जुड़ाव की नई पहल होगी।
– आशीष मोदी, जिला कलक्टर जैसलमेर
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिले सुविधाएं
कोरोना संकट ने पयज़्टन को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाई। सरकार को आगे आकर हम पयज़्टन व्यवसायियों की सुध लेनी चाहिए। सम में करीब 90 रिसोर्ट हैं और पाइप लाइन बिछी हुई है लेकिन पानी कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे ही सरकार को जैसलमेर के लिए यातायात के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। तभी यह क्षेत्र आगे बढ़ सकेगा।
– कैलाश व्यास, अध्यक्ष, सम कैम्प एंड रिसोट्र्स वेलफेयर सोसायटी जैसलमेर
हल हो डीएनपी का मसला
जैसलमेर जिले में हजारों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में राष्ट्रीय मरु उद्यान की वजह से हजारों लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं। उनकी समस्याओं का निस्तारण करवाया जाना अपेक्षित है अन्यथा वे विकास की दौड़ में हमेशा पिछड़े ही रहेंगे। बिजली,पानी की मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है।
– तनेसिंह सोढ़ा, डीएनपी क्षेत्र नागरिक
कौशलपूर्ण बनें युवा
जैसलमेर में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए उनके कौशल को विकसित किया जाना चाहिए। इसी तरह यहां सीमेंट उद्योग स्थापित कर 10 हजार लोगों को रोजगार दिलाया जा सकता है। राजस्थान पत्रिका सरकार के साथ काम करते हुए युवाओं के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम चलाए जिससे युवाओं को रोजगारोन्मुख किया जा सके।
– डॉ. गौरव बिस्सा, प्रबंधन प्रशिक्षक

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