Video: ‘सरहद के सुल्तान’ सुपुर्द-ए-खाक: सिंधी मुस्लिमों के धर्मगुरु गाजी फकीर का निधन
जैसलमेर. जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान में सिंधी मुस्लिमों के धर्मगुरु गाजी फकीर का बीती रात्रि जोधपुर में निधन हो गया। सरहद के सुल्तान कहलाने वाले गाजी फकीर करीब 85 वर्ष के थे और अपने पीछे पत्नी, छह पुत्र व तीन पुत्रियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। गमगीन माहौल में उन्हें पैतृक झाबरा गांव में सुपुर्द ए खाक किया गया। गाजी फकीर राजस्थान सरकार के केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद के पिता हैं। उनकी अंतिम यात्रा के मौके पर बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय सहित सभी वर्गों के लोग मौजूद थे। उन्हें अंतिम विदाई देने जैसलमेर विधायक रूपाराम धणदे, जैसलमेर नगरपरिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला, पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद भार्गव, पूर्व प्रधान मूलाराम चौधरी, युवा नेता विकास व्यास पहुंचे।
धर्म से राजनीति की ऊंचाइयां छुई
पाकिस्तान स्थित सिंधी मुस्लिमों के सबसे बड़े आस्था स्थल पीर पगारो के खलीफा के तौर पर गाजी फकीर ने पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय को एक सूत्र में बांध कर रखने में अहम भूमिका निभाई। पिछले तीन दशक के दौरान वे कांग्रेस सहित जिले की पूरी राजनीति की धुरी बने रहे। वे स्वयं प्रारंभिक काल में सरपंच और जिला परिषद सदस्य रहे। बाद में उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों को राजनीति में आगे बढ़ाया। उनके भाई फतेह मोहम्मद प्रधान और जिला प्रमुख के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद तक पहुंचे। उनके पुत्र शाले मोहम्मद दो बार जिले की पोकरण सीट से विधायक निर्वाचित हुए और मौजूदा समय में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री हैं। उनके एक अन्य पुत्र अमरदीन फकीर जैसलमेर समिति के प्रधान रह चुके हैं तथा युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। अन्य पुत्र भी पंचायतीराज राजनीति में सक्रिय हैं।
गाजी फकीर के निधन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है।