जैसलमेर

धड़ल्ले से निकल रही क्षमता से अधिक चारे से भरी गाडिय़ां

पोकरण नहरी क्षेत्र से प्रतिदिन चारे से भरी गाडिय़ां पोकरण की तरफ पहुंच रही है। इन गाडिय़ों में क्षमता से अधिक भरे चारे के कारण हर समय हादसे का भय बना रहता है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जैसलमेरDec 24, 2024 / 08:24 pm

Deepak Vyas

पोकरण नहरी क्षेत्र से प्रतिदिन चारे से भरी गाडिय़ां पोकरण की तरफ पहुंच रही है। इन गाडिय़ों में क्षमता से अधिक भरे चारे के कारण हर समय हादसे का भय बना रहता है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इन दिनों रबी की फसल बुआई का समय चल रहा है और कई खरीफ फसलों की कटाई हो चुकी है। ऐसे में खेतों, नलकूपों व नहरी क्षेत्रों में किसानों की ओर से चारे को बेचा जा रहा है। क्षेत्र में कई ऐसे वाहन चालक व चारे के बड़े डीलर है, जो किसानों से चारा खरीदकर गाडिय़ां भरवा देते है। इन गाडिय़ों को पोकरण कस्बे सहित बड़े गांवों, कस्बों व शहरों में धर्मकांटों पर खड़ा कर दिया जाता है। यहां से पशुपालक व जरुरतमंद भाव तय कर चारा ले जाते है और इन गाडिय़ों से चारे को सीधे अपने बाड़ों में खाली करवा दिया जाता है। नहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिदिन बड़ी संख्या में ऐसे वाहन चारे से भरकर कस्बे में पहुंच रहे है।

हर समय दुर्घटना की आशंका

नहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से चारे से भरकर आने वाली इन गाडिय़ों में क्षमता से अधिक चारा भर दिया जाता है। ऐसे में चारा गाडिय़ों से बाहर लटकता रहता है। गाडिय़ों के चलने के दौरान उनमें भारी मात्रा में भरे चारे के ढेर की किसी व्यक्ति, वाहन, सडक़ किनारे रेलिंग, विद्युत पोल आदि के चपेट में आ जाने और हादसा हो जाने की आशंका बनी हुई है। कस्बे में जैसलमेर रोड पर मंगलवार को सुबह ऐसा ही चारे से भरा एक वाहन सडक़ किनारे रेलिंग से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

खतरा यह भी

क्षेत्र के विभिन्न गांवों में स्थित खेतों व नलकूपों और नहरी क्षेत्रों की तरफ जाने के लिए कई जगहों पर कम चौड़ाई के सडक़ मार्ग स्थित है। ऐसे में क्षमता से अधिक चारे से भरे वाहन सामने से आने वाले अन्य वाहन को न तो साइड दे पाते है, न ही स्वयं का वाहन नीचे उतार पाते है। जिसके कारण इन वाहनों के आपस में भिड़ जाने का खतरा बढ़ जाता है। पूर्व में कई बार ऐसे हादसे भी हो चुके है।

यूं हो सकेगा समाधान

चारे से भरकर आने वाले वाहनों के चालकों को पाबंद किया जाना चाहिए कि क्षमता से अधिक चारा नहीं भरे। साथ ही ऐसे वाहनों को कस्बे के अंदर आबादी क्षेत्र की बजाय बाइपास मार्गों से आवागमन करना चाहिए, जिससे कि कोई व्यक्ति या वाहन इनकी चपेट में नहीं आए और कोई हादसा नहीं हो।

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