करीब एक लाख की मानव आबादी और सालाना लाखों पर्यटकों की आवक वाले जैसलमेर मुख्यालय पर बिजली के सैकड़ों ट्रांसफार्मर खतरे का अलार्म बने हुए हैं।
करीब एक लाख की मानव आबादी और सालाना लाखों पर्यटकों की आवक वाले जैसलमेर मुख्यालय पर बिजली के सैकड़ों ट्रांसफार्मर खतरे का अलार्म बने हुए हैं। इन ट्रांसफार्मर्स के इर्द-गिर्द बहुत कम जगहों पर ही पक्की चारदीवारी बनी हुई है और ज्यादातर जमीन पर खुले खड़े हैं। यही कारण है कि आए दिन बेजुबान जानवर जिनमें गोवंश की तादाद सबसे ज्यादा है, इन ट्रांसफार्मर के नीचे लटकने वाले तारों की चपेट में आकर जान गंवाते हैं। विशेषकर बरसाती दिनों में ये ट्रांसफार्मर बहुत बड़ी आफत का सबब बन सकते हैं लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों को मानो इससे कोई सरोकार नहीं है। विद्युत आपूर्ति का जिम्मा संभालने वाले डिस्कॉम के सूत्रों ने बताया कि उनके स्तर पर ट्रांसफार्मर को कवर करने का कोई प्रावधान नहीं होता।
शहर में जगह-जगह पर बिजली के ट्रांसफार्मर खुले पड़े हैं। जो एक तरह से हादसों को न्योता देते हैं। पूर्व में भी खुले ट्रांसफार्मरों से शहर में पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं।
जैसलमेर शहर क्षेत्र में 704 विद्युत ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। उनमें से ज्यादातर कवर नहीं किए गए हैं। डिस्कॉम के पास इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। नगरपरिषद चाहे तो पहल करते हुए आमजन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसफार्मर की कवरिंग का कार्य करवा सकती है। पूर्व में उसकी तरफ से जर्जर खम्भों की मजबूती का काम करवाया गया था। वैसे कई ट्रांसफार्मर्स के पास कवरिंग करवाने जितनी जगह भी नहीं है।