170 किसानों ने कटवाए टोकन
सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्र शुरू करने पर ई-मित्र के माध्यम से किसानों को फसल बेचान के लिए टोकन कटवाने पड़ते है। टोकन कटने के बाद सरकार की ओर से फसल तुलाई के लिए समय दिया जाता है। क्षेत्र के राजमथाई गांव में पूर्व में खरीद केन्द्र शुरू किया गया था और जितने किसानों की ओर से टोकन कटवाए गए थे। उनकी मूंगफली की खरीद कर दी गई। अब गत चार-पांच दिनों से पोकरण में मूंगफली की खरीद की जा रही है। पोकरण क्षेत्र के 170 किसानों की ओर से टोकन कटवाए गए थे।
मिल रहे बाजार से अच्छे भाव
नहरी क्षेत्र व नलकूपों पर इस वर्ष मूंगफली की अच्छी पैदावार हुई है। ऐसे में किसान मूंगफली लेकर बेचान के लिए पहुंच रहे है। बाजार में इस बार 5000-5500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे है। जबकि सरकारी खरीद केन्द्र पर 6783 रुपए प्रतिक्विंटल भाव दिए जा रहे है। ऐसे में किसान बाजार की बजाय सरकारी खरीद केन्द्रों में मूंगफली बेचने के लिए रुचि दिखा रहे है।
ले रहे केवल 40 क्विंटल मूंगफली प्रति किसान
नहरी क्षेत्र के चकों व नलकूपों पर एक बीघा भूमि में औसतन 5-6 क्विंटल मूंगफली की उपज होती है। सीमावर्ती क्षेत्र में किसानों के पास जमीन कई बीघा में फैली हुई है। नहरी चकों में भी प्रतिकिसान 25 बीघा भूमि आवंटित है। ऐसे में एक मुरबे पर 100 क्विंटल से अधिक मूंगफली की पैदावार होती है। दूसरी तरफ नलकूपों पर 50 से 100 बीघा भूमि पर मूंगफली की उपज ली जाती है। जबकि खरीद केन्द्रों पर सरकारी नियमानुसार प्रतिकिसान 40 क्विंटल मूंगफली की ही खरीद की जाती है। ऐसे में किसानों को परेशानी भी हो रही है। इस संबंध में किसान ज्यादा मात्रा में मूंगफली की खरीद करने की मांग भी कर रहे है।