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जैसलमेर

मनरेगा की ऑनलाइन उपस्थित में गड़बड़ झाला

वर्ष में 125 दिन का रोजगार दिलाने के लिए संचालित की जा रही महत्वकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में श्रमिकों की लगने वाली ऑनलाइन उपस्थिति में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा मेटों की ओर से ऑनलाइन उपस्थिति में अनियमितता बरती जा रही है।

जैसलमेरJun 15, 2024 / 08:17 pm

Deepak Vyas

jaisalmer
वर्ष में 125 दिन का रोजगार दिलाने के लिए संचालित की जा रही महत्वकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में श्रमिकों की लगने वाली ऑनलाइन उपस्थिति में गड़बड़झाला थमने का नाम नहीं ले रहा मेटों की ओर से ऑनलाइन उपस्थिति में अनियमितता बरती जा रही है। जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत कार्यस्थल पर श्रमिकों की ऑनलाइन उपस्थिति ली जाती है। जिसके तहत नरेगा मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम एनएमएमएस नाम से एप जारी किया गया है। इसमें मनरेगा कार्यस्थल पर मेट को कार्य शुरू होने और खत्म होने पर दो अलग-अलग फोटो के साथ उपस्थिति लगानी होती है। इस एप में उपस्थिति लगाने के बाद ही श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान मिल पाता है। सरहदी जिले में कई ग्राम पंचायतों में कार्यरत मेटों की ओर से इस ऑनलाइन उपस्थिति में अनियमितता बरती जा रही है। जिसके कारण एनएमएमएस एप का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है।

दो बार फोटो अपलोड कर लगानी है उपस्थिति

मनरेगा के तहत कार्य स्वीकृत होने पर मस्टररोल जारी किए जाते है। साथ ही मेट की नियुक्ति की जाती है। मेट की ओर से प्रतिदिन कार्य शुरू होने और शाम को कार्य समाप्त होने पर दो अलग-अलग फोटो लेकर एप में अपलोड करने होते है। इसी से श्रमिकों की उपस्थिति लगाई जाती है।

पूर्व में सुधरी व्यवस्था, अब फिर वही हालात

एनएमएमएस पोर्टल पर उपस्थिति में अनियमितताओं को लेकर राजस्थान पत्रिका की ओर से पूर्व में समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद जिला परिषद की ओर से मॉनीटरिंग कर अनियमितताएं बरतने पर नोटिस भी दिए गए, लेकिन अब हालात फिर वही हो गए है। मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण मेटों की ओर से सही फोटो अपलोड नहीं किए जा रहे है।
एक समय का ही फोटो, अपलोड कर रहे ब्लर फोटो
पंचायत समिति सांकड़ा की कई ग्राम पंचायतों में मेटों की की ओर से ऑनलाइन अपलोड की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि कहीं फोटो ब्लर है तो कहीं फोटो में कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा है। यही नहीं अधिकांश मेटों की ओर से केवल एक समय का फोटो ही अपलोड किया जा रहा है। ऐसे में एनएमएमएस पोर्टल का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है।

कैसे होगी जांच और पारदर्शिता

मनरेगा के तहत फर्जीवाड़े को खत्म कर पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए एनएमएमएस एप जारी किया गया है। जबकि कार्यस्थलों पर इस प्रकार फोटो अपलोड करने और श्रमिकों की उपस्थिति लगाने के बावजूद किसी भी तरह की मॉनीटरिंग नहीं हो रही है। जिम्मेदारों की ओर से पर्यवेक्षण को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
  • 125 दिन मिलता है मनरेगा में रोजगार
  • 2 फोटो करने होते है एप पर अपलोड
  • 7 पंचायत समितियां है जैसलमेर जिले में
  • 206 ग्राम पंचायतें है जिले में
की जाएगी कार्रवाई

पूर्व में ऐसी अनियमितताएं पाए जाने पर मेटों को ब्लैक लिस्टेड कर कार्रवाई की गई थी। यदि जांच में फिर ऐसी अनियमितताएं पाई जाती है तो कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
  • नरपतसिंह भाटी, विकास अधिकारी पंचायत समिति, सांकड़ा

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