केस 2. 6 जनवरी : जिले के मोहनगढ़ गांव के लोहिया मोहल्ला में एक ही रात में अज्ञात चोरों ने घर में घुस कर चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया। इसी इलाके से एक घर के बाहर खड़ी बाइक भी उड़ा ले गए।
केस 3. 8 जनवरी : जिले के रामगढ़ गांव में बजरंग मोहल्ले के 4 घरों के ताले तोड़ कर चोर हजारों की नगदी व अन्य सामान चुरा ले गए। वहीं सुथार मोहल्ले में चोरों ने 30 लाख रुपए के गहने चुरा लिए।
केस 4. 14 दिसम्बर : फलसूंड थाना क्षेत्र के भीखोड़ाई गांव में चोरों ने आधा दर्जन घरों के ताले तोड़े और वहां से जेवरात व नकदी आदि चुरा ले गए।
शांत माने जाने वाले जैसलमेर के शहरी व ग्रामीण इलाके एक बार फिर चोरों व नकबजनों के निशाने पर है। पुलिस तंत्र की व्यवस्था को चुनौती देने वाली इन घटनाओं से लोगों में भय का वातावरण बन रहा है, दूसरी तरफ पुलिस की गश्त व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। पूर्व के वर्षों में भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से 200 से ज्यादा दुपहिया वाहनों की चोरी की वारदातें घटित हो चुकी है और अंगुलियों में गिनने लायक वारदातों का खुलासा ही पुलिस कर पाई।
केस 3. 8 जनवरी : जिले के रामगढ़ गांव में बजरंग मोहल्ले के 4 घरों के ताले तोड़ कर चोर हजारों की नगदी व अन्य सामान चुरा ले गए। वहीं सुथार मोहल्ले में चोरों ने 30 लाख रुपए के गहने चुरा लिए।
केस 4. 14 दिसम्बर : फलसूंड थाना क्षेत्र के भीखोड़ाई गांव में चोरों ने आधा दर्जन घरों के ताले तोड़े और वहां से जेवरात व नकदी आदि चुरा ले गए।
शांत माने जाने वाले जैसलमेर के शहरी व ग्रामीण इलाके एक बार फिर चोरों व नकबजनों के निशाने पर है। पुलिस तंत्र की व्यवस्था को चुनौती देने वाली इन घटनाओं से लोगों में भय का वातावरण बन रहा है, दूसरी तरफ पुलिस की गश्त व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। पूर्व के वर्षों में भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से 200 से ज्यादा दुपहिया वाहनों की चोरी की वारदातें घटित हो चुकी है और अंगुलियों में गिनने लायक वारदातों का खुलासा ही पुलिस कर पाई।