जैसलमेर

सुविधाएं और मार्गदर्शन दीजिए सरकार, जैसलमेर में भी खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं

– स्कूलों में खेल मैदान से लेकर शारीरिक शिक्षकों की भारी कमी- खेल संघ कई सारे, सक्रिय कुछ ही

जैसलमेरAug 28, 2022 / 07:29 pm

Deepak Vyas

सुविधाएं और मार्गदर्शन दीजिए सरकार, जैसलमेर में भी खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं

जैसलमेर. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर हर बार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। अधिकांशत: अवसरों पर जैसलमेर जैसे सीमांत जिले में यह दिन रस्मी अंदाज में मना लिया जाता है लेकिन इस बार राज्य सरकार की पहल पर इस दिन प्रदेश भर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन किए जाने से यह अवसर विशेष बन गया है। इसके साथ ही जैसलमेर के छात्र-छात्राओं को खेलों के संबंध में सुविधाओं का अभाव भी याद आ ही जाता है। जिले के अधिकांश राजकीय विद्यालयों में कायदे का खेल मैदान नहीं है और जहां है, उनका उपयोग सही तौर पर नहीं किया जा रहा। वजह भी साफ है, ज्यादातर सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के पद ही रिक्त हैं। इसके अलावा खेल सामग्री की कमी का मंजर हर कहीं मौजूद है। यही कारण है कि जिले की खेल प्रतिभाएं सुविधाओं और मार्गदर्शन के अभाव में खिल नहीं पा रही। जबकि जैसलमेर में बास्केटबॉल अकादमी होने की वजह से इस खेल के जरिए जिले के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने चमकदार प्रदर्शन की धाक जमा चुके हैं और उनमें कुछ तो खेल की बदौलत सरकारी नौकरी पाने में भी सफल रहे हैं। ऐसे ही जैसलमेर में कहने को तो ज्यादातर खेलों के संघ या संगठन बने हुए हैं, लेकिन उनमें से भी ज्यादातर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। कुछेक को छोडकऱ खेलों से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी अपना नाम चमकाने में ही ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं। वास्तविकता में खेलों के विकास और खिलाडिय़ों को मंच प्रदान करने में उनकी कोई रुचि नजर नहीं आती। पूर्व में विभिन्न खेलों में जैसलमेर के विद्यार्थी बढ़-चढकऱ भागीदारी करते थे, वैसा परिदृश्य अब सिरे से गायब हो चुका है।
राष्ट्रीय स्तरीय स्कूली खेल तीन साल से बंद
एक तरफ राजस्थान सरकार ने खेल दिवस के मौके पर ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आयोजन का बीड़ा उठाकर हालात में तब्दीली लाने की इच्छाशक्ति दर्शाई है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार पिछले तीन साल से राष्ट्रीय स्तरीय स्कूली खेलों का आयोजन करने से पीछे हटा हुआ है। इसमें दो साल तो कोरोना महामारी के भेंट हो गए लेकिन इस साल तो ऐसी कोई मजबूरी केंद्र की नहीं हो सकती। गौरतलब है कि राज्य में राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले विद्यार्थी को सरकारी नौकरियों में दो प्रतिशत का कोटा निर्धारित है। स्कूलों में पढ़ रहे 14, 17 और 19 वर्षीय खिलाडिय़ों की प्रतियोगिताएं स्कूली स्तर से शुरू होकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिवर्ष आयोजित होती रही हैं। ऐसे में तीन साल में जो विद्यार्थी 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर कॉलेजों में चले गए हैं जबकि राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो पाने के कारण उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा घोषित सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत कोटे का फायदा नहीं मिल पाया।
खेल दिवस : कुछ तथ्य
– जैसलमेर जैसे विशाल क्षेत्रफल वाले जिले के अधिकांश स्कूलों के पास अपना खेल मैदान नहीं है।
– जिले के स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के 345 पद सृजित हैं। उनमें से भी एक-चौथाई पर ही नियुक्ति की हुई है। शेष पद रिक्त हैं।
– देश में खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार का नाम 1991 -92 राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार नाम रखा गया। साल 2021 में इसे हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखा गया।
– मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पिछले चार वर्षों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर दिया जाता है।
– सीमांत जैसलमेर सहित समस्त राजस्थान भर में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शुरू होंगे राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक खेल।
– इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल गतिविधियां होंगी।
– ग्रामीण ओलम्पिक खेलों में सभी आयु वर्ग के नागरिक भागीदारी कर सकते हैं। स्कूली बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक।
– राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक खेल में कुल 30 लाख खिलाड़ी भाग लेंगे। जिनमें 20 लाख पुरुष और 10 लाख महिलाएं शामिल होंगी और इसमें 6 खेलों का आयोजन होगा- कबड्डी, खो-खो, शूटिंग, वॉलीबॉल, क्रिकेट और टेनिस।
– ग्रामीण ओलंपिक खेल चार स्थानों पर खेला जाएगा। ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर।
खेलों की सुविधाएं मिले
जिले के स्कूली विद्यार्थियों को समुचित खेल सुविधाएं मिलनी चाहिए। खेलों से उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। मुख्यमंत्री ने खेल प्रतिभाओं के लिए सभी सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। जिले के विद्यालयों में राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप खेल मैदान आवंटन किया जाना चाहिए।
– प्रकाश विश्नोई, प्रदेश मंत्री, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
रिक्त पदों पर करवाई जाए नियुक्ति
राजस्थान में शारीरिक शिक्षकों के 24992 पद स्वीकृत हैं लेकिन जैसलमेर जिले में सिर्फ 345 पद स्वीकृत है। उसमें भी एक चौथाई पद पर ही शारीरिक शिक्षक कार्यरत हैं। हमे जिला एवं राज्य स्तरीय सभी प्रतियोगिताओं में बार-बार कुछ शारीरिक शिक्षकों की सहायता लेनी पड़ती है। शारीरिक शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति करवाई जाए।
– विनोद कुमार बिस्सा, जिलाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक संघ जैसलमेर
फोटो : जैसलमेर शहर का विहंगम दृश्य।

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