हकीकत यह भी
सोनार दुर्ग में 3 हजार से अधिक लोग निवास करते हैं, जबकि दो दर्जन से ज्यादा व्यापारिक प्रतिष्ठान भी यहां संचालित होते हैं। ऐतिहासिक किले में आवाजाही के लिए घाटियों से होकर गुजरना ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन जब तिपहिया और चार पहिया वाहन अनियंत्रित रूप से इन मार्गों पर दौड़ते हैं तो यहां रहने वाले लोगों के लिए स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो जाती है। सुबह, खासकर जब विद्यार्थियों और दुर्गवासियों की आवाजाही अधिक होती है, इन भारी वाहनों की बेतरतीब आवाजाही से दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ जाता है। इन दिनों जैसलमेर में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। आने वाले समय में यह संख्या और भी ज्यादा होगी। ऐसे में अव्यवस्था को समय रहते नहीं संभाला गया, तो यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
दिन भर दौड़ते वाहन, दशहरा चौक पर जमघट
सुबह के समय दुर्ग की घाटियों में एक साथ पांच से छह तिपहिया वाहनों को दौड़ते देखा जा सकता है, जिससे यातायात पूरी तरह से अव्यवस्थित हो जाता है। विशेषकर दशहरा चौक पर वाहनों का जमघट आम हो गया है। ऐसे में पैदल यात्रियों, निवासियों और सैलानियों को दिन भर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
समाधान: नियंत्रण की दरकार
स्थानीय निवासियों का कहना है कि दुर्ग की घाटियों में वाहनों की आवाजाही के लिए समय निर्धारित किया जाना चाहिए, ताकि इन हादसों की संभावनाओं को रोका जा सके। उनका मानना है कि जिम्मेदारों की निष्क्रियता के कारण यह समस्या लगातार बढ़ रही है। कोई नियम लागू न होने से यह निराशाजनक स्थिति बनी हुई है।