फैक्ट फाइल-
-23 वर्ष पहले पोकरण क्षेत्र में किए गए थे सिलसिलेवार परमाणु परीक्षण
-5 परमाणु बमों का परीक्षण किया गया था वष 1998 में
-11 मई को दो व 13 मई को तीन हुए थे परमाणु परीक्षण
-1974 में देश में हुआ था पहला परमाणु परीक्षण
-८० किलोमीटर जिला मुख्यालय से दूर है खेतोलाई गांव
-23 वर्ष पहले पोकरण क्षेत्र में किए गए थे सिलसिलेवार परमाणु परीक्षण
-5 परमाणु बमों का परीक्षण किया गया था वष 1998 में
-11 मई को दो व 13 मई को तीन हुए थे परमाणु परीक्षण
-1974 में देश में हुआ था पहला परमाणु परीक्षण
-८० किलोमीटर जिला मुख्यालय से दूर है खेतोलाई गांव
एक्सपर्ट व्यू: भूमिगत पानी न होने से अनुकूल स्थिति
भूमिगत पानी का नहीं होना भी परमाणु परीक्षण के अनुकूल रहा। रेडियो एक्टिव विकिरण पानी के सहारे भी फैल सकता था। इस आशंका को भी समाप्त करने के लिए यहां की धरती में पानी नहीं होना आवश्यक था। चट्टानों ने परमाणु परीक्षण करने वाले वैज्ञानिकों की इस दुविधा का भी समाधान कर दिया। परमाणु परीक्षण के लिए खेतोलाई की धरा का चयन का प्रमुख कारण यहां की भू-संरचना रहा। इसी के बाद विश्व भर में खेतोलाई ओर पोकरण विख्यात हुए और जैसलमेर की मरुधरा को गौरव की अनुभूति हुई।
भूमिगत पानी का नहीं होना भी परमाणु परीक्षण के अनुकूल रहा। रेडियो एक्टिव विकिरण पानी के सहारे भी फैल सकता था। इस आशंका को भी समाप्त करने के लिए यहां की धरती में पानी नहीं होना आवश्यक था। चट्टानों ने परमाणु परीक्षण करने वाले वैज्ञानिकों की इस दुविधा का भी समाधान कर दिया। परमाणु परीक्षण के लिए खेतोलाई की धरा का चयन का प्रमुख कारण यहां की भू-संरचना रहा। इसी के बाद विश्व भर में खेतोलाई ओर पोकरण विख्यात हुए और जैसलमेर की मरुधरा को गौरव की अनुभूति हुई।