जानकारी के अनुसार पूरे भारत में अगस्त 2023 तक 150 गोडावण थे। जिनमें से 128 राजस्थान में है। पूर्व में अनदेखी के चलते राज्य पक्षी का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच गया। जिसे बचाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण को बचाने के लिए जैसलमेर के सम केंद्र से संरक्षण और प्रजनन केंद्र रामदेवरा में स्थानांतरित किया है। वर्तमान में सम सेंटर से गोडावण के 6 बच्चे जो उम्र में बड़े हैं, उन्हें रामदेवरा सेंटर में स्थानांतरित किया गया है। उनकी मैटिंग कराने के बाद वे भी अंडे देने लगेंगे। जिससे लुप्त हो रहे गोडावण की संख्या को बढ़ाया जा सके। इसके बाद उन्हें छोड़ा जाएगा। रामदेवरा प्रजनन केंद्र में वर्तमान में 19 गोडावण के बच्चो को रखा गया है।उनकी पूरी देखभाल करने के साथ खाने में पेलेट न्यूट्रार्स और कीड़े मकोड़े दिए जाते हैं।
70 सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी
राज्य पक्षी गोडावण की घटती जनसंख्या को लेकर गंभीर राज्य सरकार दारा रामदेवरा के समीप शुरू किए गए गोडावण प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र में रखे 19 गोडावण के बच्चो का करीब 70 सीसीटीवी कैमरा से दो मोनिटर डिस्प्ले पर 24 घंटे निगरानी की जाती है। इतना ही नही 24 घंटे में गोडावण की होने वाली हर गतिविधि को नोट किया जाता है।उपचार और दवा की व्यवस्था
गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण के विशेषज्ञ ब्रीडिंग और गोडावण की देखभाल का काम करते हैं। वहीं उनके दर्जन सहयोगी भी यही काम करते हैं। गोडावण के लिए वेटेनरी डॉक्टर भी मौजूद रहते हैं। केंद्र में ही गोडावण के बीमार होने की स्थिति में उसके उपचार के लिए एक वेटेनरी डॉक्टर और दवाओं का स्टॉक रखा गया है। इसके अलावा गोडावण के उपचार के दौरान काम आने वाली एक्सरे मशीन, ब्लैड संग्रहण, एनिथिशिया, आदि व्यवस्थाएं की गई है। गोडावण का समय अनुसार वैक्सीनेशन भी किया जाता है। गोडावण को बीमारी के समय क्वारंटीन करने की भी व्यवस्था हुई है। वन को आवंटित कुल जमीन 700 हैक्टर में से 200 हैक्टर जमीन पर गोडावण का प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र बना हुआ है। जिसमें गोडावण के संरक्षण को लेकर सभी सुविधाओं को केंद्र में रखा गया हैं। केंद्र में करीब दो दर्जन लोगों का स्टाफ है। जो गोडावण की निगरानी, उपचार, खाने पीने और केंद्र की निगरानी आदि कार्यों को करते है।आंकड़ों के आईने में गोडावण
रामदेवरा में 8 करोड़ से बनेगी स्पेशल टनल
सुदासरी और रामदेवरा में ब्रीडिंग सेंटर की सफलता के बाद, गत कांग्रेस सरकार ने रामदेवरा में गोडावण के संरक्षण और संवर्धन के लिए टनल बनाने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट (ङ्खरुढ्ढ), देहरादून इस परियोजना पर मिलकर काम कर रहे हैं। बजट घोषणा के बाद, राजस्थान प्रोटेक्टेड एरिया कंजर्वेशन सोसायटी की ओर से रामदेवरा में एक गोडावण टनल बनाई जाएगी। प्रारंभिक तौर पर 8 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया गया है। वर्तमान में टनल की डिजाइन और निर्माण योजना पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।6 चूजों के लिए विशेष बंदोबस्त
वर्तमान में सुदासरी सेंटर से गोडावण के 6 बड़े चूजे रामदेवरा सेंटर लाए गए हैं। यहां उनका संरक्षण किया जा रहा है। वयस्क होने पर मैटिंग कराने के बाद वे भी अंडे देने लगेंगे। जिससे लुप्त हो रहे गोडावण की संख्या को बढ़ाया जा सकेगा। इसके बाद उन्हें छोड़ा जाएगा।- मोहिबदीन, प्रभारी अधिकारी, गोडावण संरक्षण और प्रजनन केंद्र रामदेवरा