जैसलमेर

बईया क्षेत्र में ग्रामीणों और कम्पनी के बीच बना गतिरोध समाप्त

जैसलमेर जिले के बईया गांव और उसके आसपास निजी सोलर कम्पनी को मुंहबोली ओरण जमीन का आवंटन करने और वहां कम्पनी की ओर से काम करवाने के विरोध में पिछले 62 दिनों से दिया जा रहा ग्रामीणों का धरना सोमवार को समाप्त हो गया।

जैसलमेरJan 06, 2025 / 08:52 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर जिले के बईया गांव और उसके आसपास निजी सोलर कम्पनी को मुंहबोली ओरण जमीन का आवंटन करने और वहां कम्पनी की ओर से काम करवाने के विरोध में पिछले 62 दिनों से दिया जा रहा ग्रामीणों का धरना सोमवार को समाप्त हो गया। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की ओर से कुल 12 खसरों में 812 बीघा जमीन छोड़ कर शेष जमीन का आवंटन कम्पनी की सहमति से उसे आवंटित किए जाने का आदेश जारी करने के बाद धरना समाप्त करने का निर्णय लिया। छोड़ी गई जमीन का कम्पनी को अन्यत्र आवंटन किया जाएगा। ग्रामीणों का धरना समाप्त करवाने के मौके पर जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी वहां पहुंचे और धरना दे रहे लोगों को ज्यूस पिलाया। वहीं जिला कलक्टर की ओर से जमीन आवंटन का आदेश व प्रशासन व कम्पनी के सहमति पत्र की प्रति अतिरिक्त कलक्टर पवन कुमार ने नरसिंगों की ढाणी में आंदोलनरत ग्रामीणों को सौंपी। इस तरह से जिले के बईया क्षेत्र में निजी कम्पनी, प्रशासन और ग्रामीणों के बीच चल रहा गतिरोध दो महीनों बाद फिलहाल समाप्त हो गया। गौरतलब है कि इस प्रकरण में शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने भी लगातार बईया पहुंच कर ग्रामीणों के मत का समर्थन किया और सोमवार को उन्होंने ओरण के लिए जमीन छोडऩे के प्रशासनिक आदेश को ग्रामीणों की ऐतिहासिक विजय बताया। जानकारी के अनुसार छोड़ी गई जमीन के अलावा अन्य जमीन पर सब स्टेशन का काम संबंधित कम्पनी ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में शुरू किया है।

यह था मामला

जिले के बईया गांव में निजी कम्पनी की तरफ से ग्रिड सब स्टेशन बनवाने की प्रक्रिया दो माह पहले शुरू की गई। जिसका ग्रामीणों ने यह कहते हुए विरोध किया कि मुंहबोली ओरण जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाए और वहां किसी तरह का काम नहीं हो। शिव विधायक रविंद्रङ्क्षसह भाटी भी ग्रामीणों के बीच पहुंच गए और उनकी मांग का समर्थन किया। ग्रामीण और प्रशासन आमने-सामने भी हुए। दूसरी ओर जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी ने यह मामला मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री तक पहुंचाया और इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने जांच-पड़ताल के बाद आगामी कदम उठाया।

ओरण की जमीन को छोडऩे पर आंदोलन समाप्त

इस बीच आंदोलनरत ग्रामीणों ने बताया कि बईया गांव में ओरण के विषय को लेकर चल रहे बड़े आंदोलन को सोमवार को जिला प्रशासन ने लिखित में ओरण के खसरों को छोडऩे पर सहमति बन गई है। एडवोकेट मुकंदसिंह भाटी ने बताया कि 62 दिन से निरंतर चल रहे धरने के बाद बईया के ग्रामीणों ने 5 जनवरी को जिला मुख्यालय की ओर कूच किया है था, सोमवार सुबह नरसीगों की ढाणी पहुंचने पर जिला प्रशासन के अधिकारी वहीं मिलने पहुंचे और लिखित में बईया, गाले की बस्ती, भू और मगरा के ओरण के खसरे छोडऩे पर बनी सहमति और वहीं पर चल रही ओरण बचाओ यात्रा को तथा धरना समाप्त किया गया। इस मौके पर सोभसिंह, रूपसिंह छुगसिंह, हठुसिंह, रेवंतसिंह, भगवान सिंह मोहम्मद अली, मोतीसिंह, राजूराम भू, हनवंत सिंह राम सिंह, अपर सिंह, सुरेंद्र सिंह, भोपालसिंह झलोड़ा, सुमेरसिंह सांवता, समुंद्र सिंह झिनझिनियाली आदि उपस्थित थे।

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