जैसलमेर

तलवार से हत्या करने के मामले में आरोपी को संदेह का लाभ देकर किया बरी

जैसलमेर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हत्या एवं अन्य आरोपों में दर्ज मामले में निर्णय सुनाते हुए करीब पौने सात साल से जेल में बंद आरोपी को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर रिहा करने का आदेश दिया।

जैसलमेरJan 13, 2025 / 08:41 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हत्या एवं अन्य आरोपों में दर्ज मामले में निर्णय सुनाते हुए करीब पौने सात साल से जेल में बंद आरोपी को संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर रिहा करने का आदेश दिया। गौरतलब है कि गत 23 अप्रेल 2018 को परिवादी ने पुलिस थाना रामगढ़ में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी बहन का विवाह आरोपी दिलीप कुमार मेघवाल निवासी बस्ता पाड़ा, रामगढ़ के साथ किया गया था, जो गर्भवती थी। उसकी हत्या की सूचना उसे मिलने पर वह रामगढ़ पहुंचा, जहां उसकी बहन का शव ससुराल में बिस्तर पर उल्टा पड़ा हुआ था और उसका गला कटा हुआ था। उसने दहेज की मांग के कारण आरोपी पति दिलीप सहित ससुराल वालों पर तलवार से गर्दन काट कर हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इस पर पुलिस ने धारा 302, 498.ए, 304 बी भारतीय दण्ड संहिता में मामला दर्ज कर तलवार जब्त की। पुलिस ने आरोपी दिलीप कुमार मेघवाल को गिरफ्तार किया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष ने 33 गवाह पेश किए और 76 दस्तावेज पेश किए। आरोपी की ओर से अधिवक्ता कंवराजसिंह राठौड़ ने बचाव में एक गवाह एवं पांच दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने दोनों ही पक्षों के गवाहों एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया और दोनों पक्षों बहस सुनी गई। आरोपी की ओर से अधिवक्ता कंवराजसिंह राठौड़ ने अभियुक्त को गलत फंसाने की बात कही, वहीं पत्रावली पर अभियुक्त को अपराध से जोडऩे वाली कोई साक्ष्य नहीं आने की बात कही। महत्वपूर्ण साक्षीगण पक्षद्रोही रहे। अभियुक्त के अनुसार मृतका को दहेज के लिए तंग.परेशान नहीं किया गया और न ही उसके साथ मारपीट की गई। मृतका अभियुक्त से शादी नहीं करना चाहती थी। परिवार वालों ने दबाव डालकर शादी करवाई थी, जिससे वह नाराज थी और इसी कारण उसने स्वयं अपनी मृत्यु कारित की। घटना के समय अभियुक्त घर पर नहीं था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पूरण कुमार शर्मा ने निर्णय सुनाते हुए आरोपी दिलीप कुमार मेघवाल निवासी रामगढ़ को हत्या एवं अन्य आरोपों में संदेह का लाभ दिया जाकर दोषमुक्त किए जाने का आदेश दिया। आरोपी दिलीप कुमार घटना के बाद से ही जेल में बंद था, जिसे करीब पौने सात साल बाद जेल से रिहा किया गया।

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