आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सूर्य नमस्कार
जैसलमेर. विद्या भारती से सम्बंधित आदर्श शिक्षण संस्थान की ओर से संचालित जिले के आदर्श विद्या मंदिरों में सूर्य नमस्कार महायज्ञ आयोजित हुए।
आदर्श शिक्षण संस्थान जैसलमेर के जिला सचिव भंवरलाल कुमावत ने बताया कि जिले के कुल इक्कीस विद्या मन्दिरों के विद्यार्थियों, आचार्यों, पूर्व छात्रों, अभिभावकों और प्रबंध समिति कार्यकर्ताओं की ओर से पतंजलि योगपीठ व क्रीड़ा भारती के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव (स्वराज 75) के अंतर्गत संपूर्ण राष्ट्र मे लिए गए 75 करोड़ सूर्य नमस्कार के लक्ष्य को ध्यान मे रखकर जिले के ग्रामीण विद्यालयों मे विद्यालय परिसर व शहरी विद्यालयों में घर से वर्चुअल जुड़कर सूर्य नमस्कार किए। इसी क्रम में 14 से 21 जनवरी तक 3750 विद्यार्थी, आचार्य व कार्यकर्ताओं की ओर से अलग-अलग आकृति बनाकर कुल 3 लाख 7 हजार 259 सूर्य नमस्कार किए गए। कुमावत ने बताया कि इस महायज्ञ में अपनी आहुति देने के लिए अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों और समाज को प्रेरित किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव मतलब नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत और आत्मनिर्भरता का अमृत है, इसलिये आजादी-महोत्सव में सूर्य नमस्कार को भी जोड़ा गया है। जिला व्यवस्थापक पदमसिंह राठौड़ ने बताया कि कोरोना काल में सूर्य नमस्कार बूस्टर का काम करेगा, सभी आसन का राजा सूर्य नमस्कार है और इससे शरीर का संपूर्ण व्यायाम होता है। पृथ्वी को उर्जा प्रदान कराने वाले भगवान सूर्य ही है, सूर्य नारायण के कारण जीवों में प्राण शक्ति का संचार होता है। सूर्य अराधना के रूप में किया जानेवाला सूर्य नमस्कार का आविष्कार वैदिक काल से किया गया है। शरीर में बुद्धि का विकास एवं मन में संस्कार इस व्यायाम की पद्धति में होता है। सूर्य नमस्कार से शरीर के अंग के लचीलेपन, बुद्धि के विकास के साथ मन की शक्ति का विकास होता है। सूर्य नमस्कार करने के कर्म को केवल अभियान तक ही सीमित न रखकर दैनिक जीवन में हमेशा के लिये जोडऩा है ताकि सर्व समाज बालक से लेकर बुजर्ग तक अपना उत्तम स्वास्थ्य रख सकें।