
तकनीक ने पढ़ाई के तौर-तरीकों में काफी बदलाव किया है। स्टूडेंट्स का अब किताबों और गाइड्स के साथ-साथ स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। पढ़ाई से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए गैजेट्स का उपयोग करते नजर आ रहे हैं। बदलते दौर के साथ पढ़ाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ, चैटजीपीटी और मेटा जैसे प्लेटफॉर्म युवाओं के लिए नए साथी बन रहे हैं। दसवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चे अपने टॉपिक को समझने में इनकी मदद ले रहे हैं। वहीं कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे स्टूडेंट भी एआइ की मदद से अपने नोट्स तैयार कर रहे हैं। टॉपिक के विभिन्न पहलुओं को एआइ की सहायता से समझ रहे हैं। आरएएस, पीसीएस, राजस्थान पुलिस, एलडीसी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी एआइ की मदद से प्रश्नों के उत्तर, नोट्स और स्टडी मैटेरियल तैयार कर रहे हैं। वे अपने स्मार्ट डिवाइसेज के जरिये चैटबॉट्स से प्रश्न पूछते हैं, उत्तर प्राप्त करते हैं और नोट्स में बदल लेते हैं।
शहर के स्टूडेंट्स ने बताया कि एआइ और चैटबॉट्स की मदद से किसी भी चीज की तुरंत जानकारी मिल जाती है। इससे समय की बचत होती है और जानकारी भी सटीक मिल जाती है। इस जानकारी की मदद से शॉर्ट नोट्स तैयार कर लेते हैं। ऐसे में कम समय में अच्छे नोट्स तैयार हो जाते हैं। किताबों की बात की जाए तो उनमें किसी भी प्रश्न का उत्तर ढूंढना थोड़ा मुश्किल होता है।
मैं एलडीसी और पटवारी भर्ती की तैयारी कर रहा हूं। गांव में कोचिंग की सुविधा नहीं है, ऐसे में मेटा और चैटजीपीटी से हर टॉपिक की जानकारी मिल जाती है। कई बार डाउट भी चैट में ही सुलझ जाते हैं।
Published on:
19 Apr 2025 10:33 pm
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