कार्यशालाओं में दिया जाता है प्रशिक्षण
समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय ग्रामीण् आजीविका विकास परिषद की विशेष भूमिका रही है। इससे जुडक़र महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुई है। समूह की महिलाओं के बनाए उत्पादों को बाजार तक लाने और उसका सही मूल्य दिलाने का काम भी किया जा रहा है। इसके लिए देश भर में लगने वाले मेलो, प्रदर्शनियों व अन्य आयोजनो में महिलाओं के उत्पाद बेचे जा रहे हैं। एक जगह से दूसरी जगह जाने पर महिलाओं को कुछ नया भी सीखने को मिल रहा है। राजीविका की ओर से महिलाओं को नए नए काम का प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है।घर पर ही रोजगार से हो रहा सृजन
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाए अब रोजगार से घर की आय में अपनी भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहायता समूहों से जो महिलाए नहीं जुड़ी है। वो अपनी जमा पूंजी से खुद ही रोजगार कर रही है। जिसमें वो खुद कार्य करने के साथ अन्य महिलाओं को भी काम सीखा कर रोजगार से जोड़ रही है। जिसमें सिलाई,कढ़ाई, बुनाई ,मेकअप आदि रोजगार है। वहीं सरकार की नरेगा योजना के माध्यम से भी रामदेवरा क्षेत्र की हजारों महिलाए रोजगार प्राप्त कर रही है।महिला सशक्तिकरण में महिलाओं की भूमिका –
महिला सशक्तिकरण एक ऐसी मुहिम है । जो पुरुषों और महिलाओं के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विभाजन को खत्म करने का प्रयास करता है। महिला सशक्तिकरण के चलते आज महिलाए रोजगार के सरकारी हो निजी क्षेत्र,राजनीति हो या खेलकूद हर क्षेत्र में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करके मान सम्मान पा रही है। महिला सशक्तिकरण ही है जिसके चलते महिलाओं को आज सबसे आगे प्राथमिकता मिलती है। महिला सशक्तिकरण ने महिलाओं को आगे बढऩे का अवसर प्रदान किया है।फैक्ट फ़ाइल –
-168 महिला स्वयं सहायता समूहों का हो रहा संचालन -2000 से अधिक महिलाए जुड़ी है स्वयं सहायता समूह सेरोजगार में राहत
स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को घर बैठे रोजगार में काफी राहत मिलती है।